अपडेटेड 16 April 2025 at 13:42 IST
'किसी से डरते नहीं हैं', ईडी की पूछताछ से पहले प्रियंका गांधी को गले लगाया, फिर रॉबर्ट वाड्रा बोले- हम निशाने पर हैं
रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि एजेंसी की तरफ से दूसरा समन देखकर मैं हैरान रह गया क्योंकि मैं इसी केस के सिलसिले में एजेंसी के सामने 15 बार पेश हो चुका हूं।
Robert Vadra: हरियाणा जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जब प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने पूछताछ शुरू की है तो रॉबर्ट वाड्रा बौखलाए हुए हैं। राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा को दूसरे दौर की पूछताछ के लिए ईडी ने फिर से बुलाया है। पूछताछ के लिए जाने से ठीक पहले रॉबर्ट वाड्रा ने ब्लेम गेम खेला और कहा कि हम किसी से डरते नहीं हैं। हम निशाने पर हैं, क्योंकि हम प्रासंगिक हैं। चाहे राहुल गांधी को संसद में रोका जाए या मुझे बाहर। वाड्रा ने कहा कि हम निश्चित रूप से निशाने पर हैं, लेकिन हम आसान निशाना नहीं हैं, हम कठोर निशाना हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि एजेंसी की तरफ से दूसरा समन देखकर मैं हैरान रह गया क्योंकि मैं इसी केस के सिलसिले में एजेंसी के सामने 15 बार पेश हो चुका हूं। मुझसे 10 घंटे तक पूछताछ हुई और मैंने 23000 दस्तावेज दिए। मैंने एजेंसी को 2019 के अपने बयान दिखाए कि आप वही सवाल पूछ रहे हैं जिनका जवाब मैंने 2019 में दिया था तो एजेंसी वाले भी चौंक गए। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।' उन्होंने कहा कि मैं देश छोड़कर भागने वाला नहीं हूँ। मैं सभी सवालों के जवाब दूंगा। मुझे कोई दिक्कत नहीं है, जितनी एजेंसीज का इस्तेमाल करना है कर लो।
रॉबर्ट वाड्रा के साथ प्रियंका गांधी ईडी दफ्तर पहुंचीं
प्रियंका गांधी इस बार रॉबर्ट वाड्रा के साथ में ईडी दफ्तर गई हैं। अंदर जाने से ठीक पहले दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया। उसके पहले रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि जब हरियाणा में इसकी जांच हुई तो प्रशासन ने पाया कि कुछ भी गलत नहीं हुआ है। खट्टर जी ने मुझे उसी मामले में क्लीन चिट दे दी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि 7 साल बाद फिर मुझसे पूछताछ क्यों हो रही है। वाड्रा ने दावा किया कि निशाना बनाए जाने के बावजूद वो इससे और मजबूत होकर निकलेंगे।
वह मामला क्या है, जिसमें ईडी ने वाड्रा को तलब किया?
ये रॉबर्ट वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड के बीच एक भूमि सौदे से जुड़ा केस है। मामला तब खुला जब हरियाणा कैडर के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने अक्टूबर 2012 में संपत्ति के हस्तांतरण को दर्शाने वाली प्रक्रिया म्यूटेशन को रद्द कर दिया। साल 2008 में जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुग्राम के मानेसर-शिकोहपुर में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। उस समय 7.5 करोड़ रुपये में लगभग 3.5 एकड़ जमीन खरीदी गई। इसके बाद वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ को बेच दिया। इस आय को लॉन्ड्रिंग योजना का हिस्सा होने का संदेह होने के कारण, केंद्रीय एजेंसी इस अप्रत्याशित लाभ के पीछे के धन के स्रोत की जांच कर रही है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 16 April 2025 at 13:42 IST