अपडेटेड 24 December 2025 at 19:48 IST

BREAKING: रिपब्लिक की मुहिम का असर, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अरावली में कोई भी नई खनन लीज देने पर लगाई रोक

रिपब्लिक की मुहिम के बाद अरावली मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार ने अरावली पर हर तरह के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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Bhupendra Yadav | Image: X

रिपब्लिक की मुहिम के बीच अरावली मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। सरकार ने राज्यों को अरावली में किसी भी नई खनन लीज देने पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली से गुजरात तक फैली पूरी अरावली रेंज को अवैध खनन से बचाने और संरक्षित करने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने राज्यों को अरावली में किसी भी नई खनन लीज देने पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

आपको बता दें कि यह रोक पूरी अरावली क्षेत्र में समान रूप से लागू होती है और इसका मकसद इस रेंज की अखंडता को बनाए रखना है। इन निर्देशों का मकसद गुजरात से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैली एक सतत भूवैज्ञानिक रिज के रूप में अरावली को सुरक्षित रखना और सभी अनियमित खनन गतिविधियों को रोकना है।

मंत्रालय ने क्या कहा?

इसके अलावा, MoEF&CC ने इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (ICFRE) को पूरे अरावली क्षेत्र में ऐसे और इलाकों/जोन की पहचान करने का निर्देश दिया है, जहां खनन पर रोक लगाई जानी चाहिए। ये इलाके केंद्र द्वारा पहले से प्रतिबंधित खनन क्षेत्रों के अलावा होंगे, और इनकी पहचान पारिस्थितिक, भूवैज्ञानिक और लैंडस्केप-स्तर के विचारों के आधार पर की जाएगी। ICFRE को पूरे अरावली क्षेत्र के लिए एक व्यापक, विज्ञान-आधारित सस्टेनेबल माइनिंग मैनेजमेंट प्लान (MPSM) तैयार करते समय यह काम करने का निर्देश दिया गया है। यह प्लान, जिसे व्यापक हितधारकों के परामर्श के लिए सार्वजनिक किया जाएगा, इसमें संचयी पर्यावरणीय प्रभाव और पारिस्थितिक वहन क्षमता का आकलन किया जाएगा, पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील और संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की जाएगी, और बहाली और पुनर्वास के उपाय बताए जाएंगे।

सुरक्षित और प्रतिबंधित इलाकों का दायरा और बढ़ेगा

केंद्र सरकार की इस पहल से पूरे अरावली क्षेत्र में खनन से सुरक्षित और प्रतिबंधित इलाकों का दायरा और बढ़ेगा, जिसमें स्थानीय भूगोल, पर्यावरण और जैव विविधता का ध्यान रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जो खदानें पहले से चल रही हैं, संबंधित राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि सभी पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन हो और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार काम हो। पर्यावरण की सुरक्षा और टिकाऊ खनन तरीकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए, चल रही खनन गतिविधियों को अतिरिक्त प्रतिबंधों के साथ सख्ती से रेगुलेट किया जाएगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार अरावली इकोसिस्टम की लंबे समय तक सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जो मरुस्थलीकरण को रोकने, जैव विविधता के संरक्षण, जलभंडारों को रिचार्ज करने और क्षेत्र के लिए पर्यावरणीय सेवाओं में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानती है।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 24 December 2025 at 19:42 IST