अपडेटेड 5 September 2024 at 19:37 IST
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राजस्थान सरकार प्रतिबद्ध: भजनलाल शर्मा
Rajasthan: इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद रहे।
Rajasthan: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं, वे नयी पीढ़ी में चरित्र-निर्माण की मजबूत नींव डाल कर योग्य नागरिकों का निर्माण कर रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से ही व्यक्ति विचारशील बनता है, करुणा और सहानुभूति से समृद्ध होता है तथा प्रगतिशील और समावेशी समाज का निर्माण करता है। मुख्यमंत्री ने बिड़ला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गुरु का स्थान सदैव सर्वोच्च
उन्होंने एक बयान में कहा कि भारतीय परंपरा में गुरु का स्थान सदैव सर्वोच्च रहा है। शिक्षक अपनी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं और समर्पण और निष्ठा से विद्यार्थियों के जीवन को समृद्ध बनाते हैं, इसलिए विद्यालय केवल अच्छे भवन, महंगे उपकरण या सुविधाओं से नहीं बल्कि शिक्षकों के अमूल्य ज्ञान से बनता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु-शिष्य संबंध की समृद्ध परंपरा को पुनर्जीवित करने के क्रम में राज्य सरकार विश्वविद्यालय के कुलपतियों को कुलगुरु की पदवी से नवाजे जाने की परंपरा शुरू करने जा रही है।
समारोह में मुख्यमंत्री अपने शिक्षक शंकरलाल शर्मा को देखकर भावुक हो गए। वह मंच से उतरे, अपने गुरु के चरण स्पर्श किए, उन्हें अपने निकट बैठाया एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गांव से लेकर शहर तक शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए महत्वाकांक्षी परियोजनाओं-कार्यक्रमों पर निरंतर कार्य कर रही है।
750 स्कूलों की इमारतों की मरम्मत के लिए 100 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय विद्यालयों में कक्षा-कक्ष, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, शौचालयों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपये जबकि 750 स्कूलों की इमारतों की मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
उन्होंने कहा कि साथ ही, स्कूल और कॉलेजों में बिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम के जरिए एक लाख छात्रों को लाभ मिल रहा है, अगले दो वर्षों में राज्य सरकार 20 आईटीआई और 10 पॉलिटेक्निक कॉलेज भी खोलेगी।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा प्रतिभाशाली हैं, उनमें राज्य के शिक्षा के ढांचे को और उन्नत करने की क्षमता है।
शर्मा ने कहा कि पारंपरिक शिक्षण विधियों के साथ नवाचार लाने के लिए सरकार राज्य कौशल नीति, अटल उद्यमिता कार्यक्रम, अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर, सीखो, कमाओ और आगे बढ़ो (एलईएपी) कार्यक्रम, डिजिटल प्रवेशोत्सव आदि के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों के साथ काम कर रही है।
समारोह में मुख्यमंत्री ने 11 मेधावी विद्यार्थियों को निःशुल्क टैबलेट वितरित किए और शिक्षक सम्मान पुस्तिका का विमोचन भी किया। साथ ही, राज्य भर में 55 हजार 800 विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए गए। इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चन्द बैरवा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौजूद रहे।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 5 September 2024 at 19:37 IST