अपडेटेड 23 December 2025 at 16:33 IST
Rajasthan: बहू-बेटियां फोन से दूर रहें, महिलाओं के स्मार्टफोन इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध; पंचायत के तुगलकी फरमान पर देशभर में चर्चा
राजस्थान के जालोर जिले में एक स्थानीय समुदाय ने 15 गांवों में बेटियों और बहुओं के स्मार्टफोन इस्तेमाल पर एक विवादित बैन लगा दिया है, जो 26 जनवरी से लागू होगा।
राजस्थान के जालोर जिले में एक स्थानीय समुदाय ने 15 गांवों में बेटियों और बहुओं के स्मार्टफोन इस्तेमाल पर एक विवादित बैन लगा दिया है, जो 26 जनवरी से लागू होगा। इस फरमान के तहत, महिलाओं को शादी, सार्वजनिक समारोह या पड़ोसियों के घर जाते समय भी कैमरा वाले मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं होगी, हालांकि वॉयस कॉल के लिए बेसिक कीपैड फोन के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
यह फैसला पिछले रविवार को गाजीपुर गांव में हुई सुंधामाता पट्टी के चौधरी समुदाय की एक बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता समुदाय के अध्यक्ष सुजानराम चौधरी ने की, जिसमें बुजुर्गों ने परिवारों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर चर्चा की। समुदाय के सदस्यों ने बताया कि प्रस्ताव को औपचारिक रूप से पंच हिम्मतराम ने पढ़ा और देवराम करनोल ने पेश किया।
सिर्फ कीपैड मोबाइल तक सीमित
गाइडलाइंस के अनुसार, 15 गांवों में बेटियों और बहुओं को अपने फोन का इस्तेमाल सिर्फ कीपैड मोबाइल तक सीमित रखना होगा। पढ़ाई करने वाली लड़कियों को घर पर सिर्फ पढ़ाई के मकसद से स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की इजाजत होगी, लेकिन उन्हें सामाजिक कार्यक्रमों, शादियों या पड़ोस में जाने पर स्मार्टफोन ले जाने की मनाही है।
इसके पीछे का कारण बताते हुए सुजानाराम चौधरी ने कहा कि समुदाय का मानना है कि महिलाओं द्वारा स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से उनके साथ रहने वाले बच्चों को लंबे समय तक स्क्रीन देखने को मिलती है, जिससे उनकी आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए ये पाबंदियां लगाई गई हैं।
यह बैन गाजीपुरा, पावड़ी, कालरा, मनोजिया वास, राजिकावास, दतलावास, राजपुरा, कोड़ी, सिद्रोड़ी, अलरी, रोपसी, खानादेवल, साविधार, भीनमाल की हाथमी की ढाणी और खानपुर गांवों में लागू होगा, जो सभी जालोर जिले के पट्टी क्षेत्र में आते हैं।
कई लोगों का सामाजिक बहिष्कार
जालोर में पहले भी इसी तरह के विवादित सामुदायिक फरमान देखे गए हैं। पिछले साल, स्थानीय बुजुर्गों ने एक युवा जोड़े के प्रेम विवाह करने के बाद दो परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया था, और समुदाय में उनकी वापसी के लिए ₹12 लाख का जुर्माना लगाया था। बाद में जोड़े ने भीनमाल पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद पुलिस ने दखल दिया और ज्यादातर बुजुर्गों के साथ समझौता करवाया, हालांकि कुछ लोग अभी भी बहिष्कार को सही ठहरा रहे थे। जालोर में जाति पंचायत ने 55 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया।
जून में ऐसी ही एक और घटना में, जालोर में एक जाति पंचायत ने एक ही बड़े परिवार के दो गुटों के बीच मंदिर की जमीन को लेकर चल रहे पुराने विवाद पर 55 परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने की घोषणा की। इस फरमान में समुदाय के सदस्यों को प्रभावित परिवारों की शादियों, सामाजिक कार्यक्रमों और यहां तक कि अंतिम संस्कार में भी शामिल होने से रोक दिया गया। पंचायत ने यह भी चेतावनी दी कि जो कोई भी आपत्ति उठाएगा, उसे समाज से निकाल दिया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस मामले में बाद में बागरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 23 December 2025 at 16:33 IST