अपडेटेड 17 May 2025 at 14:07 IST
पत्नी को उम्मीद थी पति को मोदी जी वापस लाएंगे! 21 दिन तक BSF जवान को यातना देता रहा पाकिस्तान... एक दिन की बात कैसे हफ्तों के लिए टली?
पूर्ण कुमार शॉ को लेकर भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई और कई दिनों तक स्थिति अनिश्चित बनी रही। आखिरकार 10 मई को दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सैन्य अभियान रोकने के लिए एक समझौता बनने के बाद सफलता मिली।
BSF jawan Purnam Kumar Shaw: बीएसएफ जवान पूर्ण कुमार शॉ की पाकिस्तान से वापसी हो चुकी है, लेकिन उनको पड़ोसी मुल्क में जिस तरह यातनाएं दी गईं, उनको जानकर रूंह कांपने लगती है। पूर्ण कुमार शॉ अनजाने में सरहद पार पहुंच गए थे। उन्होंने पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की, जब वो पेड़ के नीचे छाया की तलाश में जाकर बैठे तो पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ये वाकया पहलगाम की आतंकी घटना के ठीक एक दिन बाद का था। इससे स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान में तनावपूर्ण संबंधों के कारण सैनिक की वापस लाने के प्रयास चुनौतीपूर्ण जरूर रहे। खैर, 14 मई को पूर्ण कुमार की वापसी संभव हो पाई।
पूर्ण कुमार शॉ को लेकर भारतीय और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हुई और कई दिनों तक स्थिति अनिश्चित बनी रही। आखिरकार 10 मई को दोनों देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सैन्य अभियान रोकने के लिए एक समझौता बनने के बाद सफलता मिली। चार दिन बाद शॉ को रिहा कर दिया गया। वापस लौटने के तुरंत बाद, शॉ ने अपने परिवार से संपर्क किया और हिरासत में अपने साथ हुई यातनाओं के बारे में बताया।
'पूर्ण कुमार शॉ से जासूसों जैसा व्यवहार'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब बीएसएफ जवान ने अपनी पत्नी से बात की तो बताया कि उनके साथ पाकिस्तान में जासूसों के जैसा व्यवहार हुआ। हिरासत के दौरान शारीरिक रूप से नुकसान तो नहीं पहुंचाया, लेकिन मानसिक रूप से बहुत ज्यादा प्रेशर दिया गया। रिपोर्ट्स में बीएसएफ जवान के अपनी पत्नी से बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया है कि कथित तौर पर पूर्ण कुमार शॉ को बाथरूम जाने और सोने जैसी बुनियादी जरूरतों से भी वंचित रखा गया।
मूल रूप से पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रहने वाले पूर्ण कुमार शॉ BSF की 24वीं बटालियन में कार्यरत हैं। हाल ही में उन्हें पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात किया गया था, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा है। गर्मी के चलते वो एक पेड़ की छाव में चले गए, लेकिन उनको पता नहीं चला कि वो पाकिस्तान का एरिया है।
क्यों 21 दिन तक PAK में फंसे रहे पूर्ण कुमार?
सामान्य तौर पर किसी सैनिक को उसी दिन या अगले दिन वापस सौंप दिया जाता, जब अनजाने में कोई ऐसी स्थिति बनती है। लेकिन पूर्ण कुमार शॉ के लिए परिस्थिति इसलिए कठिन हो गई कि उनकी गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। बिगड़ते माहौल के कारण प्रत्यावर्तन वार्ता रुक गई और दोनों देशों के बीच निर्धारित फ्लैग मीटिंग में देरी हुई।
पूर्ण कुमार की पत्नी ने नहीं छोड़ी आस
बीएसएफ जवान की पत्नी रजनी अपने छोटे बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शॉ की यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर से मिलने के लिए फिरोजपुर गईं। रिपोर्ट्स में दावा है कि उन्हें बताया गया कि बातचीत चल रही है, लेकिन एक दिन बाद ही भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से सीमा पार आतंकी शिविरों पर हवाई हमले किए, जिससे चीजें और बिगड़ गईं। तनाव के इस दौर में रजनी की नजर समाचारों पर ही रही और खासकर अपने पति की वापसी को लेकर आस टिकी हुई थी। आखिरकार, 14 मई को उम्मीद राहत में बदल गई। शॉ को अटारी-वाघा सीमा के माध्यम से भारतीय धरती पर वापस लाया गया, जिससे उनकी 21 दिन की पीड़ा खत्म हुई। पत्नी की वापसी के बाद पत्नी रजनी ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया और कहा कि मोदी जी हैं तो सब चीज संभव है। वो मेरे सुहाग को वापस लाए।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 17 May 2025 at 14:07 IST