अपडेटेड 24 May 2024 at 22:42 IST
पुणे कांड में पिता को 7 जून तक न्यायिक हिरासत, कब से शराब पी रहा था नाबालिग? होगी जांच
Pune Porsche case: पुणे पोर्श मामले में रईसजादे के पिता विशाल को लेकर कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है।
जतिन शर्मा
Pune Porsche case: पुणे पोर्श मामले में रईसजादे के पिता विशाल को लेकर कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने विशाल को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके साथ ही सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत दी गई है।
कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
आज कोर्ट में पेशी के दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि अब यह कैसे प्रगति पर है और पुलिस मोबाइल डाटा रिकवर करके उसकी जांच कर रही है। इसके अलावा घर में लगे सीसीटीवी कैमरे का DVR प्राप्त कर लिया है, जिससे छेड़छाड़ की गई है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था। ड्राइवर से पूछताछ भी की जानी है और इनसब को लेकर सरकारी वकील ने कोर्ट से 7 दिनों के पुलिस कस्टडी की डिमांड की।
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि घर में लगे सीसीटीवी डीवीआर में टेंपरिंग की गई है। क्या इस मामले में ड्राइवर की भी मिली भगत है, इसकी जांच आमने-सामने बिठाकर की जानी आवश्यक है। ऐसा जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया। नाबालिक आरोपी के साथ उसके कई दोस्त थे, क्या उन्होंने शराब के अलावा कुछ अन्य नशीले पदार्थों का भी सेवन किया था इसकी जांच करनी है।
बचाव पक्ष के वकील ने क्या कहा?
बचाव पक्ष के वकील ने इस मामले में सरकारी वकील के दलीलों को कमजोर बताते हुए कोर्ट से पुलिस कस्टडी ना देने की अपील की। बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि दोनों होटल के DVR जप्त कर लिए गए हैं, नाबालिक आरोपी ने किस प्रकार पैसे खर्च किया इसकी जांच के लिए भी पुलिस कस्टडी की जरूरत नहीं। नाबालिक आरोपी से जुड़ी जानकारी के लिए पिता के पुलिस कस्टडी की आवश्यकता नहीं है। होटल के कागज और उनकी जांच के लिए साथ ही नाबालिक आरोपी ने कहां-कहां क्या किया इसके लिए भी पुलिस को विशाल अग्रवाल के कस्टडी की जरूरत नहीं। आरोपी पर लगाई गई सभी धाराओं में जमानत हो सकती है।
रईसजादे ने दो-दो पब में पी थी शराब
इससे पहले जानकारी मिली कि नाबालिग रईसजादे ने 1 नहीं, बल्कि 2 पब में 69000 की शराब पी थी। पहले पब में 48000 रुपए का बिल आया था जबकि दूसरे पब में 21 हजार रुपए का बिल आया था।
सीपी कुमार ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने पब में (दुर्घटना से पहले) शराब पीते आरोपियों के सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास पब में शराब पीते हुए उसका सीसीटीवी फुटेज है। कहने का मतलब यह है कि ब्लड रिपोर्ट के आधार पर हमारा मामला अकेला नहीं है, हमारे पास अन्य सबूत भी हैं।
वह (नाबालिग आरोपी) अपने होश में था। ऐसा नहीं था कि वे सभी इतने नशे में थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि उनके आचरण के कारण पुलिस स्टेशन में पिज्जा पार्टी के बारे में कोई तथ्य नहीं है जोड़ा गया।
ड्राइवर नहीं रईसजादा ही चला रहा था पोर्श कार
इससे पहले पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि हादसे के बाद बयान बदलने की कोशिश की गई, इसकी जांच भी की जा रही है। यह सच है कि शुरुआत में ड्राइवर ने कहा था कि कार वो चला रहा था लेकिन बाद में उसने बयान बदल दिया। इस बात की भी जांच की जा रही है कि ड्राइवर ने किसके दबाव में यह बयान दिया था।
अमितेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को बताया "हम दोनों मामलों की सूक्ष्मता और पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच कर रहे हैं। हम एक निर्विवाद मामला बना रहे हैं। नाबालिग को किसी भी तरह का तरजीह देने के आरोपों की जांच एसीपी रैंक के अधिकारी द्वारा की जा रही है। पीड़िता को न्याय मिलेगा और आरोपी को सजा दी जाएगी।"
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 24 May 2024 at 17:12 IST