अपडेटेड 1 November 2024 at 21:03 IST

Bandi Chhor Diwas: बंदी सिखों की रिहाई के लिए तिहाड़ जेल के बाहर एकजुट हुआ सिख समुदाय

देश भर में इस समय दिवाली की धूम है, लेकिन क्या आपको पता है कि सिख समुदाय हर साल दिवाली के टाइम पर बंदी छोड़ दिवस मनाता है।

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बंदी छोड़ दिवस पर बंदी सिखों की रिहाई के लिए एकजुट सिख समुदाय | Image: File

Bandi Chhor Diwas: बंदी छोड़ दिवस के मौके पर शुक्रवार, 1 नवंबर को दिल्ली के तमाम सिख संगठनों ने तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के बाहर बंदी सिखों की रिहाई के लिए अरदास की। 

सिख समुदाय की ओर से गुरबाणी गायन करने के बाद बंदी सिखों की रिहाई के लिए गुरु हरगोबिंद साहिब जी के चरणों में प्रार्थना की गई। इस मौके पर शिरोमणी अकाली दल (SAD) दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने बंदी सिखों की रिहाई में हो रही देरी पर सवाल उठाए। 

मंच संचालन करते हुए DSGMC के पूर्व प्रवक्ता डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने भाई दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई पर फैसला लेने के लिए 21 दिसंबर 2023 को आयोजित हुई दिल्ली सरकार की सजा समीक्षा बोर्ड की बैठक की कार्यवाही को सार्वजनिक किया। 

बंदी सिखों की रिहाई के लिए तिहाड़ जेल के बाहर एकजुट सिख समुदाय

सरना ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वोट मांगने आने वाले नेताओं से बंदी सिखों की रिहाई के बारे में सवाल पूछने का आग्रह किया और कहा कि अगर बंदी सिखों का मसला हल नहीं हुआ तो सिखों को नोटा का बटन दबा देना चाहिए, लेकिन सिखों के साथ भेदभाव करने वाले लोगों को वोट नहीं देना चाहिए। वहीं DSGMC सदस्य परमजीत सिंह राणा, मंदीप कौर बख्शी और गुनजीत सिंह बख्शी ने बंदी सिखों की रिहाई के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। 

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Published By : DINESH BEDI

पब्लिश्ड 1 November 2024 at 21:03 IST