अपडेटेड 12 July 2024 at 16:59 IST
17 करोड़ की संपत्ति की मालकिन हैं पूजा खेडकर? फिर OBC कोटे पर IAS के लिए कैसे हुआ सिलेक्शन, उठे सवाल
Mumbai: AAP के विजय कुंभार ने दावा किया है कि पूजा खेडकर जो अपनी UPSC चयन प्रक्रिया को लेकर विवादों में हैं, उनके पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
Mumbai: AAP की महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष विजय कुंभार के अनुसार, 2023 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर, जो अपनी UPSC चयन प्रक्रिया और अनुचित विशेषाधिकार का आनंद लेने के आरोपों को लेकर विवादों में हैं, 17 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालिक हैं।
साल 2023 के लिए अचल संपत्ति के उनके डाटा के अनुसार, ट्रेनी अधिकारी के पास अकेले पुणे जिले में 20 करोड़ रुपये की जमीन के तीन भूखंड हैं। उनके पास अहमदनगर जिले में जमीन के दो प्लॉट हैं, जिनकी कुल कीमत 1.25 करोड़ रुपये है, जो उनकी मां ने उपहार में दिए थे।
संपत्ति का ब्योरा
इसके अलावा, उनके पास अहमदनगर के सवेदी और पुणे के कोंढवा में 45 लाख रुपये और 75 लाख रुपये के दो फ्लैट हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सभी संपत्तियां, जो 2014 से 2019 के बीच अर्जित की गईं, खेडकर के लिए 42 लाख रुपये की सालाना आय दिखाती हैं। कुंभार के ट्वीट में आगे दावा किया गया है कि खेडकर के माता-पिता, जिनके पास "नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट है, के पास संपत्ति का ब्योरा ये है- 110 एकड़ कृषि भूमि, जो सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है, 6 दुकानें (1.6 लाख वर्ग फुट), 7 फ्लैट, जिनमें एक हीरानंदानी में भी शामिल है; 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख रुपये की एक सोने की घड़ी, 4 कारें, दो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में साझेदारी।
एक बड़ा सवालिया निशान
यह हालिया खुलासा निश्चित रूप से खेडकर के OBC नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है। OBC नॉन-क्रीमी लेयर के तहत IAS, IPS जैसी सरकारी नौकरियों में सीट सुरक्षित करते समय 27 फीसदी आरक्षण दिया जाता है। इसके अलावा, UPSC परीक्षा के लिए आयु सीमा और कट-ऑफ अंकों में भी छूट दी गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि, उनके पिता की घोषित संपत्ति 40 करोड़ रुपये कुछ और ही कहानी कहती है। एक मॉक इंटरव्यू, जो अब वायरल हो गया है, में उसे यह कहते हुए सुना जाता है कि उसके माता-पिता अलग हो गए थे और वह अपने पिता के कॉन्टैक्ट में नहीं थी।
आपको बता दें कि खेडकर तब सुर्खियों में आईं जब वह कथित तौर पर अपनी ऑडी सेडान पर लाल-नीली बत्ती और VIP प्लेट और "महाराष्ट्र सरकार" स्टिकर का इस्तेमाल कर रही थीं। बढ़ते विवाद के बीच खेडकर का ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 12 July 2024 at 16:59 IST