अपडेटेड 17 July 2024 at 09:49 IST
10 के लिए UP में बीजेपी लगाएगी दम... योगी ने बुला ली मंत्रियों की बैठक; कितनी कठिन है राह?
UP By Election: उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव के लिए CM योगी आदित्यनाथ मैदान में झंडा गाडने की तैयारी करने लगे हैं। उन्होंने अपने मंत्रियों को बुलाया है।
CM Yogi Adityanath Meeting: हालिया लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के भीतर जो नतीजे रहे, वो सत्तारूढ़ दल बीजेपी के लिए सतही तौर पर हालातों को दर्शाते हैं। आशातीत परिणामों के बाद भारतीय जनता पार्टी चिंतन में डूबी है, लेकिन उसके सामने उत्तर प्रदेश में एक और युद्ध खड़ा है। इस बार विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव की बारी है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी को अपनी ताकत दिखाने का एक और मौका होगा, जो शायद लोकसभा में मिली हार के दर्द को थोड़ा कम कर सके और राजनीतिक परिदृश्य से उसकी साख भी बचा ले।
फिलहाल अगले कुछ महीनों में होने वाले उपचुनाव से पहले बीजेपी ने अपनी रणनीति बदली है। खासकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैदान में झंडा गाडने की तैयारी करने लगे हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग पर अहम बैठक बुलाई है। 10 सीटों पर उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी अपने मंत्रियों के साथ मंथन करेंगे और फीडबैक के जरिए जमीनी आकलन को समझने की कोशिश करेंगे। 30 जून को मुख्यमंत्री ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में फीडबैक के लिए मंत्रियों की ड्यूटी लगाई थी।
10 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति कैसे आई?
10 में से 9 सीटों पर उपचुनाव की स्थिति विधायकों के इस्तीफे की वजह से आई है, क्योंकि ये विधायक अब सांसद बन चुके हैं। नियम के मुताबिक, एक नेता अगर दोनों पद पर जीतता है तो उनसे से एक ही विधायकी या सांसदी का पद ही रख सकता है। ऐसे में 9 नेताओं ने सांसद बनने पर विधायक का पद छोड़ा है। इन नेताओं में अखिलेश यादव से लेकर अवधेश प्रसाद और अतुल गर्ग भी शामिल हैं। 10वीं सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने पर खाली हुई है। वो सीसामऊ विधानसभा सीट से विधायक बनकर आए थे। हालांकि कुछ दिनों पहले एक मामले में उन्हें सजा हुई। 10 सीटें, जिन पर उपचुनाव होंगे...
- करहल
- मिल्कीपुर
- कुंदरकी
- खैर
- गाजियाबाद
- फूलपुर
- बिजनौर
- मझवा
- कटेहरी
- सीसामऊ
BJP के लिए कितनी कठिन है राह?
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए भी एक नया टेस्ट होगा। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को शिकस्त मिली है। सपा को 37 तो कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत हासिल हुई। सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी 33 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में 10 सीटों पर उपचुनाव होगा, तो कई ऐसी सीटें हैं, जहां पहले सपा जीत चुकी थी। ऐसे में अपनी सीटों को बचाने के साथ सपा को उसकी सीटों पर हराना भी बीजेपी के लिए चुनौती होगी। वो सीटें भी समझा देते हैं, जहां बीजेपी के लिए फाइट बेहद मुश्किल होगी।
करहल: सपा के मुखिया अखिलेश यादव खुद यहां से चुनाव जीते। अभी सांसद बनने के बाद इस्तीफा होने पर अखिलेश यादव अपने परिवार से ही किसी को खड़ा कर सकते हैं।
मिल्कीपुर: अयोध्या में राम मंदिर का श्रेय लेने के बावजूद अयोध्या की जनता ने बीजेपी को नकारा है। मिल्कीपुर सीट भी अयोध्या के अंतर्गत आती है, जहां से सपा के अवधेश प्रसाद 9 बार विधायक बने हैं। इस स्थिति में अखिलेश चाहेंगे कि अवधेश प्रसाद के परिवार से ही किसी सदस्य को चुनाव लड़ाया जाए।
कुंदरकी: संभल लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली कुंदरकी सीट जीतना बीजेपी के लिए बेहद मुश्किल है। वो इसलिए कि यहां लगभग 60 फीसदी मुस्लिम हैं, जिनका बीजेपी के पक्ष में झुकना संभव नहीं लगता है। वैसे भी इसे सपा का ही गढ़ माना जाता है।
सीसामऊ: कानपुर के अंतर्गत आने वाली सीसामऊ सीट सपा के लिए मजबूत रही है। इरफान सोलंकी भले जेल में चले गए हैं, लेकिन इसका फायदा भी सपा 'विक्टिम कार्ड' खेलकर चुनाव में ले सकती है।
कटहरी: यहां बीजेपी फाइट कर सकती है, लेकिन जीतने की संभावनाएं उसके वहां की जनता से किए वादों पर टिकी होंगी। पिछली बार के चुनाव में सीट सपा के खाते में गई थी।
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 17 July 2024 at 09:49 IST