अपडेटेड 20 April 2025 at 13:55 IST
'सरकार का ये तरीका बिल्कुल...', मुंबई के जैन मंदिर तोड़े जाने भड़के सपा नेता अबू आजमी; औरंगजेब की तारीफ पर मांगी थी माफी
32 साल पुराना ये मंदिर विले पार्ले ईस्ट के नेमिनाथ सहकारी आवास भवन के पास कांबलीवाड़ी इलाके में बना था।
Abu Azmi On Jan Mandir Demolition: मुंबई के विले पार्ले ईस्ट इलाके में एक जैन मंदिर को BMC ने 16 अप्रैल को अतिक्रमण के चलते ढहा दिया। हालांकि इस मंदिर का केस मुंबई हाईकोर्ट में चल रहा था। 32 साल पुराना ये मंदिर विले पार्ले ईस्ट के नेमिनाथ सहकारी आवास भवन के पास कांबलीवाड़ी इलाके में बना था। मुंबई नगर निगम ने पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में इसे ढहा दिया। BMC की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग प्रोटेस्ट के लिए सड़कों पर उतर आए। इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने भी BMC की इस कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाई है। अबू आजमी ने कहा कि इस तरह के फैसलों से कानून व्यवस्था खराब होती है।
मुंबई के विले पार्ले ईस्ट स्थित कांबलीवाड़ी में बने 32 साल पुराने जैन मंदिर को मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा 16 अप्रैल को अतिक्रमण बताते हुए ध्वस्त कर दिया गया वह भी उस समय जब मंदिर से जुड़ा मामला अभी मुंबई हाईकोर्ट में लंबित है। इस कार्रवाई ने जहां एक ओर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा किया, वहीं सड़कों पर विरोध प्रदर्शन की चिंगारी सुलग गई। दूसरी ओर, अब यह मुद्दा राजनीतिक रंग भी ले चुका है।समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आज़मी ने इस घटना की तीखी आलोचना करते हुए BMC पर सीधा सवाल उठाया, 'क्या मुंबई नगर निगम को अब कोर्ट की परवाह नहीं रही? एक धार्मिक स्थल को कोर्ट के निर्णय से पहले ही तोड़ देना न केवल कानून का मज़ाक है, बल्कि आस्था पर चोट भी है।'
'ऐसी कार्रवाइयां सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम करती हैं'
आज़मी ने यह भी कहा कि ऐसी कार्रवाइयां सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम करती हैं और सरकार को इसकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर वर्षों से वहां स्थापित था और लोगों की आस्था का केंद्र था। बिना उचित संवाद और अंतिम न्यायिक आदेश के इस तरह से कार्रवाई करना 'जनभावनाओं का अपमान' है। अब जैसे-जैसे यह मुद्दा तूल पकड़ रहा है, विपक्षी दल अब इसे विधानसभा तक ले जाने की तैयारी में हैं। आने वाले दिनों में यह सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीतिक जंग बन सकता है।
जैन मंदिर टूटने के बाद गरमाई महाराष्ट्र की सियासत
मुंबई में जैन मंदिर तोड़े जाने के बाद महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आज़मी, जो हाल ही में औरंगज़ेब की प्रशंसा को लेकर तीखे विवाद में घिर चुके हैं, अब मुंबई के विले पार्ले में तोड़े गए जैन मंदिर को लेकर मैदान में उतर आए हैं। अबू आज़मी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा करते हुए BMC की कार्रवाई को 'सीधी नाइंसाफी' करार दिया। उन्होंने लिखा, 'विले पार्ले में जैन समाज के मंदिर के खिलाफ मुंबई महानगरपालिका की कार्रवाई सरासर नाइंसाफी है। हमारा देश एक धार्मिक देश है, धार्मिक स्थलों पर इस तरह की कार्रवाई से कानून व्यवस्था खराब होती है।'
इतना ही नहीं, अबू आजमी ने आगे कहा, 'सरकार को ऐसे मसलों के लिए अलग प्रक्रिया बनाने की जरूरत है।' अब यहां सियासी सवाल खड़े हो रहे हैं कि
- क्या अबू आज़मी धार्मिक भावनाओं की राजनीति में बैलेंस करने की कोशिश कर रहे हैं?
- क्या BMC ने सच में कोर्ट की अवमानना की है, या यह सब 'कानून के दायरे में' किया गया?
- और क्या यह बयान एक तरफ़ औरंगज़ेब की प्रशंसा और दूसरी तरफ़ जैन मंदिर की पैरवी एक राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश है?
अबू आजमी पर हमला करने का शिवसेना (शिंदे गुट) को मिलेगा एक और मुद्दा
इस बयान से भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) को एक और मुद्दा मिल सकता है अबू आज़मी पर हमला करने का 'जो कल तक औरंगज़ेब के गुण गा रहे थे, आज जैन मंदिर पर राजनीति कर रहे हैं।' उधर, जैन समाज के लोग भी अब इस मुद्दे पर खुलकर बोलने लगे हैं। प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं, और मांग है कि सरकार स्थिति साफ करे क्या धार्मिक स्थल सुरक्षित हैं या सत्ता के बुलडोज़र के नीचे आएंगे? अब देखना ये होगा कि क्या अबू आज़मी की ये प्रतिक्रिया एक नई सियासी लकीर खींचेगी या फिर यह भी सोशल मीडिया तक ही सीमित रह जाएगी।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 20 April 2025 at 13:54 IST