अपडेटेड 25 February 2025 at 20:15 IST
'सरकार को आंकड़े नहीं छुपाने चाहिए, 64 नहीं 75 करोड़ लोगों ने किया स्नान', अखिलेश का दावा; महाकुंभ 1 महीने और बढ़ाने की मांग
प्रयगराज महाकुंभ को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा और श्रद्धालुओं के आंकड़े को लेकर बड़ा दावा किया।
UP News: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। 13 जनवरी से शुरू हुए इस महाकुंभ पर लगातार सियासत जारी है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर से योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा के चीफ अखिलेश यादव ने महाकुंभ में डुबकी लगाने वालों के आंकड़ों को लेकर बड़ा बयान दिया है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "हर इवेंट का राजनीतिकरण करना और लाभ लेना। स्पोर्ट्स का कोई कार्यक्रम हो, सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा तो राजनीतिक लाभ लेना चाहेंगे। ये अपने आप को चमकाना चाहते थे। अपने आप को चमकाते चमकाते इन्होंने व्यवस्था खराब कर दी। जब-जब मुख्यमंत्री गए होंगे प्रयागराज तब तब वहां आग लगी है। अगर वो 10 बार गए, तो 10 बार आग लगी, अगर वो 12 बार गए तो 12 बार आग लगी। इतनी आग कभी कुंभ में नहीं लगी होगी, जितनी आग इनकी सरकार में आग लगी है।"
ट्रेनें खाली जाने का दावा करने वाले अखिलेश अब ये क्या कह रहे?
बता दें, अखिलेश यादव ने महाकुंभ की शुरुआत में दावा किया था कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेनें खाली जा रही है। वही अखिलेश यादव अब कह रहे हैं, "ये लोग अब कह रहे हैं कि 64 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है। सरकार को ऐसे नहीं छिपाना चाहिए। हमारो लोगों ने जो आंकड़ा दिया है, लगभग 75 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। अभी भी बहुत सारे बुजुर्ग हैं, बहुत सारे लोग हैं, जो स्नान नहीं कर पाए हैं। तो मैं सरकार से कहूंगा कि कम से कम एक महीने का समय और बढ़ाएं, क्योंकि इससे सनातन धर्म के सभी लोग स्नान कर पाएंगे।"
अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर किया कटाक्ष
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अशोभनीय कथन बताते हैं कि नकारात्मकता चरम पर हो तो देश, काल, स्थान की गरिमा का ख़्याल न करते हुए मानसिकता शब्दों के रूप में प्रकट होती है।
सपा प्रमुख यादव ने सोमवार की रात अपने आधिकारिक X अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा ''लेकिन महाकुंभ में जिन्होंने अपनों को तलाशा, उन्हें हमेशा के लिए खो गए अपने परिजन का नाम न तो मृतकों की सूची में मिला और न ही खोया-पाया के रजिस्टर में।'' इसी पोस्ट में उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने महाकुंभ में राजनीतिक अवसरवाद को तलाशा और उनको आत्म प्रचार का माध्यम मिला, लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता, सत्यनिष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को खो दिया और वाणी पर संतुलन को भी।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 25 February 2025 at 20:01 IST