अपडेटेड 2 April 2025 at 17:06 IST
'अंतरात्मा से पूछो...', वक्फ बिल पर 'शिवसेना Vs शिवसेना', एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत ने उधेड़ दी उद्धव की पार्टी की बखिया
श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना पार्टी की तरफ से वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा कि शिवसेना और मेरे नेता एकनाथ शिंदे की ओर से मैं इस विधेयक का पूर्ण समर्थन करता हूं।
Parliament: संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस के बीच महाराष्ट्र की दो बड़ी पार्टियां एक-दूसरे से भिड़ गईं। एक तरफ एकनाथ शिंदे की शिवसेना तो दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे की शिवसेना खड़ी हो गई। एकनाथ शिंदे आज बीजेपी के साथ खड़े हैं और जो उद्धव ठाकरे लंबे समय तक बीजेपी के साथ रहे, वो वक्फ बिल के विरोध में यानी विपक्ष की पार्टियों के साथ खड़े हैं।
दरकिनार नहीं किया जा सकता है कि बालासाहेब ठाकरे के समय शिवसेना हिंदुत्व की राजनीति का हिस्सा होती थी और बीजेपी को उसका साथ मिलता था। हालांकि उद्धव ठाकरे के हाथ जब से शिवसेना की कमान आई, स्थितियां ठीक उलटी हो गईं। बीजेपी विरोध में उद्धव ठाकरे की पार्टी बालासाहेब ठाकरे के विचारों के विपरीत आज खड़ी है। इसी को लेकर एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने भरे सदन में शिवसेना-यूबीटी को जवाब दिया है।
उद्धव की पार्टी ने किया वक्फ बिल का विरोध
लोकसभा में बुधवार को उद्धव ठाकरे की पार्टी के सांसद वक्फ बिल के खिलाफ बोलने के लिए खडे़ हुए। शिवसेना-यूबीटी सांसद अरविंद सावंत ने कहा, 'मैं यहां वक्फ संशोधन विधेयक पर अपना विचार पेश करने आया हूं। मैं भी जेपीसी का सदस्य था। दुर्भाग्य से अंत तक जेपीसी में खंड-दर-खंड चर्चा नहीं हुई। गैर-हितधारकों को भी जेपीसी में बुलाया गया। हमने हमेशा महसूस किया है कि आपकी (बीजेपी) कथनी और करनी में बहुत अंतर है। आप इस विधेयक के जरिए किसी के साथ न्याय नहीं करना चाहते, आप जो कर रहे हैं उसे सही मत समझिए। मुझे लगता है कि अब आपको सिर्फ बिहार चुनाव ही नजर आ रहे हैं।'
श्रीकांत शिंदे ने उधेड़ी बखिया
उसके बाद लोकसभा में एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत खड़े हुए और उन्होंने एक-एक मुद्दा गिनाते हुए उद्धव गुट की बखिया उधेड़कर रख दी। श्रीकांत शिंदे ने शिवसेना पार्टी की तरफ से वक्फ बिल का समर्थन करते हुए कहा कि शिवसेना और मेरे नेता एकनाथ शिंदे की ओर से मैं इस विधेयक का पूर्ण समर्थन करता हूं। ये एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। पहले अनुच्छेद 370, फिर ट्रिपल तलाक और सीएए और अब ये विधेयक गरीबों के कल्याण के लिए इस सदन में लाया गया है।
इसके बाद श्रीकांत शिंदे ने उद्धव गुट को घेरना शुरू कर दिया। शिंदे ने कहा कि उनका (यूबीटी के अरविंद सावंत) भाषण सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। UBT शिवसेना वालों को अपनी अंतरात्मा से पूछना चाहिए कि आज बालासाहेब यहां होते तो क्या ये भाषण यहां कर पाते। आज ये स्पष्ट है कि यूबीटी आज किसकी विचारधारा को अपना रही है और इस विधेयक का विरोध कर रही है। उनके पास अपनी गलतियों को सुधारने, अपने इतिहास को फिर से लिखने और अपनी विचारधारा को जीवित रखने का एक सुनहरा अवसर था, लेकिन यूबीटी ने पहले ही उनकी विचारधारा को कुचल दिया। अगर बालासाहेब आज यहां होते और यूबीटी का असहमति नोट पढ़ते, तो उन्हें बहुत दुख होता।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 2 April 2025 at 17:06 IST