अपडेटेड 8 April 2025 at 21:43 IST
कूनो में प्यासे चीतों को पानी पिलाने वाला कर्मचारी हुआ सस्पेंड तो मचा बवाल, अखिलेश बोले- BJP सत्ता की प्यासी; क्या है सच्चाई?
यूजर्स इस शख्स की पानी पिलाने की वीडियो पर उसकी तारीफ कर रहे थे। वहीं कुछ लोगों ने इस खतरनाक बताते हुए सरकारी अधिकारियों को टैग कर दिया।
MP Cheetah Viral Video Story: मध्य प्रदेश के कूनो बीते दिनों एक शख्स ने खुले में बैठे चीतों को पानी पिलाया। चीतों को पानी पिलाने का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था। यूजर्स इस शख्स की पानी पिलाने की वीडियो पर उसकी तारीफ कर रहे थे। वहीं कुछ लोगों ने इस खतरनाक बताते हुए सरकारी अधिकारियों को टैग कर दिया। इसके बाद पानी पिलाने वाले इस शख्स पर, जो कि ड्राइवर था एक्शन हुआ और उसे सस्पेंड कर दिया गया। ड्राइवर के सस्पेंड होते ही ये मुद्दा सियासी बन गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस वीडियो को शेयर कर मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
चीतों को पानी पिलाने की घटना और उसके बाद कर्मचारी को नौकरी से निकालने के मामले पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी हृदयहीन है, और उसके लिए सत्ता की प्यास सबसे बड़ी है, जो किसी भी अन्य प्यास से ज्यादा महत्वपूर्ण है। श्योपुर के कूनो में चीतों को पानी पिलाने वाले कर्मचारी को नौकरी से निकालने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपना विरोध जताते हुए एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर जताया विरोध
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘भाजपा की सत्ता की प्यास के आगे और कोई प्यास महत्त्व नहीं रखती है। हृदयहीन भाजपा को मन में दयाभाव रखने वाले लोग पसंद नहीं हैं, इसीलिए जिस कर्मचारी ने प्यासे जानवरों को पानी पिलाया, उसी को भाजपा सरकार ने निलंबित कर दिया।’ सपा सुप्रीमों ने बिना नाम लिए यह भी आरोप लगाया कि पानी पिलाने वाले कर्मचारी को "ऊपरवालों" के इशारों पर नौकरी से हटाया गया है। अखिलेश यादव ने इस घटनाक्रम पर विरोध जताते हुए कहा कि कर्मचारी को फिर से बहाल किया जाना चाहिए, जबकि जो अधिकारी इस निर्णय के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए। अखिलेश यादव का यह बयान मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों और निर्णयों पर सवाल उठाता है, खासकर तब जब वन्यजीव संरक्षण और कर्मचारियों की भावनाओं के मामले में संवेदनशीलता की आवश्यकता थी। उनका यह बयान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है, जो सत्ता के बीच संवेदनशील मुद्दों को लेकर तीव्र आलोचनाओं का कारण बनेगा।
वन विभाग ने दी सफाई
यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने के बाद एक गंभीर सवाल खड़ा कर रही है। वन विभाग की ओर से ऐसी गतिविधि पर त्वरित प्रतिक्रिया आई है, जिसके तहत सत्यनारायण गुर्जर को नौकरी से निकाल दिया गया। विभाग का कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी हो सकती हैं, बल्कि यह व्यक्ति द्वारा असंवेदनशील तरीके से जानवरों के साथ संपर्क बनाने का उदाहरण भी पेश करती है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो, जिसमें एक शख्स कुछ चीतों को पानी पिला रहा है। बताया जा रहा है कि ये वीडियो मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क के बाहरी इलाके के एक गांव का है। वीडियो में नजर आ रहे शख्स का नाम सत्यनारायण गुर्जर है, जो वन विभाग में ड्राइवर के तौर पर काम करते थे। इस वीडियो के वायरल होते ही, खबर आई कि वन विभाग ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
सोशल मीडिया की ताकत को लेकर उपयोग और दुरुपयोग के बीच नई बहस
वहीं अगर इस घटना को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो यह मामला वन्यजीव संरक्षण और सरकारी नीतियों पर सवाल खड़ा करता है। एक ओर जहां वन विभाग ने अपनी तरफ से तुरंत एक्शन लिया, वहीं दूसरी ओर इस घटना ने यह भी दिखाया कि कैसे सोशल मीडिया की ताकत का उपयोग गलत तरीके से किया जा सकता है, जो अंततः किसी के करियर को प्रभावित कर सकता है। इस पूरे मामले ने मीडिया और राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है, जिसमें वन्यजीव संरक्षण के नियमों की सख्ती और जिम्मेदारी दोनों को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 8 April 2025 at 21:43 IST