अपडेटेड 23 March 2025 at 17:18 IST

'मुसलमानों को गुमराह न करें ओवैसी, पहले CAA कानून को पढ़ें फिर...', AIMIM चीफ पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

AIMJ चीफ मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, 'CAA कानून को लेकर के एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों में भ्रम फैला रहे हैं।'

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'मुसलमानों को गुमराह न करें ओवैसी, पहले CAA कानून को पढ़ें फिर...', AIMIM चीफ पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी | Image: ANI/ PTI

Maulana Shahabuddin Razvi Barelvi Target Asaduddin Owaisi on CAA Law:  केंद्र सरकार देश में जल्दी ही वक्फ संशोधन बिल के साथ-साथ CAA कानून लागू करने की तैयारी भी कर रही है। वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी सीएए, वक्फ संशोधन बिल, एनआरसी और एनपीआर सहित केंद्र सरकार के सभी कानूनों के खिलाफ मुसलमानों को भड़काने में लगे हैं। ओवैसी इस बात का दावा करते हैं कि इन कानूनों की मदद से केंद्र की मोदी सरकार वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा करने और मुसलमानों को देश से निकालने की तैयारी कर रही है। अभी शनिवार को ही मौलाना साजिद रशीदी ने इसके लिए औवैसी को लताड़ लगाई थी। अब ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने ओवैसी के CAA कानून का विरोध करने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने AIMIM चीफ को नसीहत देते हुए CAA कानून को पढ़ने की सलाह दे डाली है।


AIMJ चीफ मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, 'CAA कानून को लेकर के एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने इस कानून का विरोध करते हुए कहा कि इस कानून से मुसलमानों पर बड़ा जुल्म हो रहा है। ओवैसी साहब को समझना चाहिए कि यहां पर CAA कानून के तहत न जाने कितने लोगों को शहरीयत मिली है। इतना ही नहीं इस कानून के तहत कुछ मुसलमानों को भी यहां की शहरीयत मिली और उनको भी इस देश की नागरिकता मिली हुई है। ये सरासर ओवैसी साहब की बकवास है... और वो देश के मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। बेजा किसी बात के सरकार पर आरोप लगाना सही नहीं है। ओवैसी का ये कहना कि इस कानून के तहत मुस्लमानों के साथ जुल्म किया गया, ये नाइंसाफी वाली बात है और गलत बयानबाजी है, मुसलमानों को गुमराह करने वाली बात है। ओवैसी कानून के माहिर माने जाते हैं, लेकिन उन्होंने सीएए को लेकर गैरकानूनी बात कही है। ओवैसी को पहले CAA कानून को पढ़ना चाहिए। ओवैसी को मुसलमानों को गुमराह, भड़काने और भ्रमित करने वाली बातों से बाज आना चाहिए।'


CAA कानून क्या बोले थे ओवैसी?

इसके पहले केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम  (CAA) पर ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध जताते हुए कहा था कि सीएए मुसलमानों, दलितों और विभिन्न समुदायों के गरीब नागरिकों को परेशान करने के लिए लाया गया है। ओवैसी ने कहा था, 'यह कानून धर्म पर आधारित है। हम कभी भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं, सिखों और अन्य लोगों की (भारत वापसी के लिए बनाए गए कानून) के खिलाफ नहीं थे लेकिन CAA को NPR और NRC से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। यह कानून मुसलमानों, दलितों और विभिन्न समुदायों के गरीब नागरिकों को परेशान करने के लिए है।'


वक्फ बिल के विरोध में बोले ओवैसी तो मौलाना साजिद रशीदी ने खोला था मोर्चा

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन बिल के आने से पहले देशव्यापी आंदोलन की धमकी दी है। ओवैसी ने कहा कि अगर ईद के बाद सरकार वक्फ संशोधन बिल ले आती है तो ये मुसलमानों को लिए ठीक नहीं होगा। असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ देश भर के मुसलमानों से देशव्यापी आंदोलन करने का आह्वान किया। ओवैसी ने सरकार पर वक्फ संशोधन बिल को लेकर आरोप लगाया है कि सरकार वक्फ की संपत्तियों पर अपने लोगों को बैठाना चाहती है। ओवैसी ने कहा कि सरकार तीन तलाक और CAA के बाद अब वक्फ बिल लाना चाहती है। वहीं अब इस मामले में मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा, 'वक्फ बिल को लेकर ज्यादा भ्रांति फैलाने की कोई जरूरत नहीं है ठीक है सरकार ने अभी उसको ठंडे बस्ते में डाला है लेकिन पूरे भारत में वक्फ बिल को आंदोलन करना... ये ठीक नहीं है। चूंकि आंदोलन में बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं। हो सकता है कि आंदोलन में कुछ ऐसे लोग शामिल हो जाएं जो हमारे आंदोलन को कुछ नुकसान पहुंचाएं या सरकारी या प्राइवेट संपत्तियों को नुकसान पहुंचाएं और उसका जिम्मेदार मुसलमानों को बना दिया जाए।'


'CAA एक्ट में नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं'

सीएए एक्ट को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया था कि इस एक्ट में  देश के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। सीएए को लेकर पूरे देश में विरोधी नेता देश के अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से मुसलमानों को भड़का रहे हैं। ये कानून सिर्फ का पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में सताए गए अल्पसंख्यकों के लिए बनाया गया है। ताकि पड़ोसी देशों के सताए गए अल्पसंख्यकों को अपने देश में शरण दे कर उन्हें भारतीय नागरिकता दी जा सके।  सीएए कानून को साल 2019 में संसद ने पारित किया था। इसको लेकर केंद्र सरकार ने अब तक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। यह अधिनियम पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान बनाता है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 23 March 2025 at 17:18 IST