अपडेटेड 31 July 2025 at 12:58 IST

मालेगांव विस्फोट मामले में कोर्ट के फैसले पर केपी मौर्य ने कांग्रेस-NCP को घेरा, AIMIM चीफ ओवैसी ने NIA जांच पर उठाए सवाल

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर केपी मौर्य ने कांग्रेस-NCP को घेरा। वहीं AIMIM चीफ ओवैसी ने NIA जांच पर सवाल उठाए हैं।

Follow :  
×

Share


मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट के फैसले पर क्या बोले ओवैसी? | Image: ANI/File Photo

Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल का लंबा इंतजार खत्म हो गया। आखिरकार, मामले में NIA कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। NIA कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया। बता दें, मामला 2008 का है, जब एक धमाके में 6 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। वहीं अब इस पूरे मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही है।

कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केपी मौर्य ने कहा, "मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत का फैसला अभिनंदनीय है। इसके साथ ही कांग्रेस की भगवा आतंकवाद गढ़ने की नापाक कोशिश ध्वस्त हो गई है। तबक़ी केंद्र में यूपीए सरकार और महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने धतकर्म करते हुए इस ब्लास्ट के ज़रिए भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ते हुए मुख्य गुनाहगारों को पकड़ने के बजाय हिंदुओं को गिरफ्तार कर उन पर जबरन गुनाह स्वीकर करने का दबाव डाला था। अपनी स्थापना से ही कांग्रेस और गांधी परिवार लगातार हिंदुओं का दुश्मन रहा है। उसके निशाने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रहा है जिसकी धुरी में ही राष्ट्रवाद है और कांग्रेस को यह चुभता रहा है।"

परिवारों से जाकर माफी मांगे कांग्रेस: रवि किशन

गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा, “कई जिंदगी खत्म हो गई, उनके परिवार तबाह हो गए। आज उसकी जवाबदेही कौन लेगा? जो लोग भगवा आतंक की बात कर रहे थे, वो लोग आज जवाब दें। कल गृह मंत्री जी ने कहा कि हिन्दू कभी भी आतंकवादी नहीं हो सकता। आज जीत के बावजूद सारे हिंदू दुखी होंगे, क्योंकि बरी होने के बाद भी उनकी जिंदगी खराब हो गई। दुखी हैं पर क्या करें? 17 साल बाद... पूरा शरीर बर्बाद कर दिया। जो यातना साध्वी जी को दी गई, कई जिन्दंगी बर्बाद हो गई। 17 साल में तो एक जीवन निकल जाता है। जो जुर्म नहीं किया उसके लिए वो सजा उन्हें मिली। मैं आज कोर्ट को साधुवाद देता हूं। लेकिन कांग्रेस को उन परिवारों के पास जाकर माफी मांगनी चाहिए।”

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मालेगांव विस्फोट मामले का फैसला निराशाजनक है। विस्फोट में 6 नमाजी मारे गए और लगभग 100 घायल हुए। उन्हें उनके धर्म के कारण निशाना बनाया गया। जानबूझकर की गई घटिया जांच/अभियोजन पक्ष ही बरी होने के लिए जिम्मेदार है।"

ओवैसी ने सरकार से पूछे सवाल

भारत और महाराष्ट्र सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने आगे कहा कि विस्फोट के 17 साल बाद, कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। क्या मोदी और फडणवीस सरकारें इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगी, जिस तरह उन्होंने मुंबई ट्रेन विस्फोटों में आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाने की मांग की थी? क्या महाराष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दल जवाबदेही की मांग करेंगे? उन 6 लोगों की हत्या किसने की?

भाजपा सांसद पर बरसे ओवैसी

AIMIM चीफ ने कहा कि याद कीजिए, 2016 में मामले की तत्कालीन अभियोजक रोहिणी सालियान ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि NIA ने उनसे आरोपियों के प्रति नरम रुख अपनाने को कहा था। याद कीजिए, 2017 में, एनआईए ने साध्वी प्रज्ञा को बरी करवाने की कोशिश की थी। वही व्यक्ति 2019 में भाजपा सांसद बना। करकरे ने मालेगांव में हुई साजिश का पर्दाफाश किया था और दुर्भाग्य से 26/11 के हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा मारे गए। भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि उन्होंने करकरे को श्राप दिया था और उनकी मृत्यु उसी श्राप का परिणाम थी।

आतंकवाद के आरोपी को बनाया सांसद: ओवैसी

उन्होंने कहा कि क्या एनआईए/एटीएस अधिकारियों को उनकी दोषपूर्ण जांच के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा? मुझे लगता है कि हम इसका उत्तर जानते हैं। यह आतंकवाद के विरुद्ध कठोर मोदी सरकार है। दुनिया याद रखेगी कि इसने एक आतंकवाद के आरोपी को सांसद बनाया।

इसे भी पढ़ें: Malegaon Blast Case: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बड़ी राहत, मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद NIA कोर्ट का अहम फैसला, सभी आरोपी बरी

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 31 July 2025 at 12:52 IST