अपडेटेड 31 July 2025 at 12:39 IST

Malegaon Blast Case: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बड़ी राहत, मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद NIA कोर्ट का अहम फैसला, सभी आरोपी बरी

महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए बम धमाके की घटना पर NIA कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया।

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Malegaon Blast Case
मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी आरोपी बरी | Image: X/ANI

17 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मालेगांव ब्लास्ट केस का फैसला आ गया। NIA कोर्ट ने बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया है। 2008 में हुए धमाके में 6 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 

मालेगांव विस्फोट के सभी आरोपी बरी

NIA कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया । आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), आर्म्स एक्ट और अन्य आरोपों से बरी कर दिया गया।

 जज ने अपना फैसले में क्या-क्या कहा?

कोर्ट में जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, कश्मीर से RDX ला गए गए थे, इसके पुख्ता सबूत नहीं मिले। पंचनामा भी सही तरीके से नहीं किया गया था। गोली के शेल मिलने के कोई सबूत नहीं हैं। मिलावटी सबूत फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए थे। सरकारी पक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया। जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बाइक साध्वी प्रज्ञा की थी यह भी ठीक से साबित नहीं हुआ। इस मामले में UAPA नहीं लग सकता है, क्योंकि नियमों के अनुसार मंजूरी नहीं ली गई थी। 

अभियोजन पक्ष के पास पुख्ता सबूत नहीं- कोर्ट

कोर्ट ने आगे कहा, श्रीकांत प्रसाद पुरोहित के आवास में विस्फोटकों के भंडारण या संयोजन का कोई सबूत नहीं है। पंचनामा करते समय जांच अधिकारी ने घटनास्थल का कोई स्केच नहीं बनाया।  घटनास्थल से कोई फिंगरप्रिंट, डंप डेटा या कुछ और एकत्र नहीं किया गया। नमूने दूषित थे, इसलिए रिपोर्ट निर्णायक नहीं हो सकती और विश्वसनीय नहीं हैं।  विस्फोट में कथित तौर पर शामिल बाइक का चेसिस नंबर स्पष्ट नहीं था। अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि विस्फोट से ठीक पहले वह साध्वी प्रज्ञा के पास थी।

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पीड़ितों परिवारों को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा

NIA कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाने के साथ-साथ एक और अहम फैसला सुनाया है। जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा, विस्फोट के सभी छह पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और सभी घायल पीड़ितों को 50,000 रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।

 मालेगांव में क्या हुआ था?

NIA कोर्ट ने मालेगांव विस्फोट मामले में कहा, हमने ADG ATS को आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी के घर में विस्फोटक रखने के मामले की जांच शुरू करने का आदेश दिया है। बता दें कि 29 सितम्बर 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम धमाके की घटना को 17 साल बीत चुके हैं। एक भीड़-भाड़ वाले इलाके में बम विस्फोट में 6 लोगों की जान चली गई थी। 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। धमाका उस समय हुआ था जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ने जा रहे थे। 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 31 July 2025 at 11:25 IST