अपडेटेड 26 June 2024 at 14:13 IST
सांसदों के निष्कासन पर गरमाया माहौल, अखिलेश के सवाल पर ओम बिरला बोले- मैं चाहता नहीं हूं लेकिन...
विपक्ष ने बार बार 17वीं लोकसभा में सांसदों के निष्कासन का मुद्दा उठाया तो स्पीकर ओम बिरला ने उसका जवाब भी दिया।
Lok Sabha Speaker Om Birla: स्पीकर ओम बिरला को बधाई देने के दौरान सांसदों ने पूर्व लोकसभा में किए गए निष्कासन का मुद्दा उठाया। सपा चीफ अखिलेश ने चुटकी ली तो एनसीपी (शरद गुट) ने भी 150 सांसदों को निकाले जाने का मसला उठाया।
बाद में लोकसभा स्पीकर ने सबको धन्यवाद करते हुए विनम्रता से कहा कि वो हरगिज ऐसा नहीं चाहते कि किसी माननीय सदस्य को निष्कासित करें लेकिन सदन की मर्यादा को ध्यान में रख उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ीं...
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा- "यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी एक भी वोट पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयासों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। पिछले एक दशक में लोगों की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। इसलिए, यह हमारा दायित्व बनता है कि उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें।"
निष्कासन पर बोले क्या?
ओम बिरला ने कहा- वो नहीं चाहते कि किसी सांसद को निकालें लेकिन सदन की उच्चकोटि की गरिमा बनाए रखने के लिए ये जरूरी था। बोले- गतिरोध सदन की परंपरा नहीं है। बेल में आना सदन की परंपरा नहीं है। मैं कभी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं चाहता, लेकिन जब नियम तोड़े जाते हैं तो कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। विरोध को संसदीय मर्यादा के तहत दर्ज कराएं।
प्रधानमंत्री को कहा धन्यवाद
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को शुक्रिया कहा। अपनी बात की शुरुआत उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन से की। कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी, सदन के सभी सदस्यों को मुझे फिर से सदन के अध्यक्ष के रूप में दायित्व निर्वाहन करने का अवसर देने के लिए सबका आभार व्यक्त करता हूं...मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए भी मैं सभी का आभारी हूं..."
अखिलेश और सुप्रिया सुले ने निष्कासन का दर्द साझा किया
सपा प्रमुख अखिलेश ने चुटकी लेते हुए निष्कासन को लेकर राय रखी। उन्होंने कहा- आपके पास 5 साल का अनुभव है। वहीं आपको पुराने और नए सदन का अनुभव है। हमें उम्मीद है कि विपक्ष की आवाज न दबाई जाए। न ही निष्कासन जैसी कार्रवाई की जाए। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता भी है। सत्ता पर भी है। आपके इशारे पर सदन चलता है, इसका उल्टा न हो। वहीं सुप्रिया सुले बोलीं- कोविड में आपने जो काम किया, वो सराहनीय है। पांच साल में आपने बहुत अच्छा काम किया, लेकिन जब 150 लोग जब सस्पेंड हुए, तब सबको बहुत दुख हुआ। हम चाहते हैं कि सस्पेंशन न हो, सब मिलकर काम करें। बातचीत का ऑप्शन खुला रहे।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 26 June 2024 at 13:38 IST