अपडेटेड 20 February 2025 at 11:49 IST
Rekha Gupta: रेखा गुप्ता को दिल्ली का CM बनाकर PM मोदी ने कैसे साधे एक तीर से कई निशाने?
रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला यूं ही नहीं लिया। इसके जरिए एक तीर से कई निशाने साधे गए हैं। आइए इसके पीछे की रणनीति समझने की कोशिश करते हैं।
Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली की कमान एक बार फिर महिला मुख्यमंत्री के हाथों में सौंपी गई हैं। रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने को तैयार हैं। 8 फरवरी को आए नतीजों के बाद से ही BJP इस बार किसे मुख्यमंत्री बनाएगी, इस पर आखिरी वक्त तक संस्पेंस बना रहा। CM पद में कई बड़े चेहरे शामिल थे। इन सबके बीच पार्टी ने पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया।
रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला यूं ही नहीं लिया। इसके जरिए एक तीर से कई निशाने साधे गए हैं। आइए इसके पीछे की रणनीति समझने की कोशिश करते हैं।
'आधी आबादी' को साधने की कोशिश
देश में फिलहाल 20 से अधिक राज्यों में BJP-NDA की सरकार है, लेकिन कोई भी राज्य ऐसा नहीं जहां महिला मुख्यमंत्री हो। ऐसे में महिला वोटबैंक को साधने के लिए ये BJP का बड़ा दांव माना जा सकता है। दिल्ली में भी महिला मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। ऐसा माना जाता है कि दिल्ली में BJP सरकार बनाने में महिला वोटर्स का ही अहम योगदान रहा हैं।
रेखा गुप्ता को CM चुनकर BJP ने महिला मुख्यमंत्रियों की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश की। जान लें कि रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन रही हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी ने सीएम पद का कार्यभार संभाला है।
केजरीवाल की तरह वैश्य समुदाय से हैं रेखा गुप्ता
दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल और रेखा गुप्ता में कुछ समानताएं हैं। दोनों का ही हरियाणा से कनेक्शन हैं। केजरीवाल और रेखा दोनों का जन्म हरियाणा में हुआ। साथ ही दोनों ही वैश्य समुदाय से भी आते हैं। दिल्ली में वैश्य समुदाय का अच्छा-खासा वोटबैंक है, जिसका झुकाव लंबे समय से BJP की तरफ रहा। हालांकि केजरीवाल ने भी वैश्य समुदाय को अपनी ओर करने की पूरी कोशिश की। ऐसे में रेखा गुप्ता को CM बनाकर BJP ने उन्हें एक तरह से संतुष्ट करने की कोशिश की है।
AAP को काउंटर करने की रणनीति
दिल्ली चुनाव में न केवल आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही पार्टी के दिग्गज नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज को भी अपनी-अपनी सीट पर हार का स्वाद चखना पड़ा। इस बीच आतिशी कालकाजी सीट से जीतने में कामयाब रहीं। अब नेता प्रतिपक्ष के लिए आतिशी ही सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। अगर AAP आतिशी को विपक्ष की नेता के रूप में आगे लाती हैं, तो BJP को भी रेखा गुप्ता के तौर पर काउंटर करने में आसानी होगी।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 20 February 2025 at 11:49 IST