अपडेटेड 19 July 2025 at 11:52 IST

MNS चीफ राज ठाकरे के डुबो-डुबोकर मारेंगे वाले बयान पर निशिकांत दुबे ने ली चुटकी, कहा- मैंने हिंदी सिखा दी?

Maharashtra Politics: यहां पर सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जब राज ठाकरे यह चेतावनी दे रहे थे, तब वे हिंदी में ही बोल रहे थे। इसी पर निशिकांत दुबे ने तंज कसते हुए पलटवार किया, 'मैंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी?' यह जुबानी जंग अब केवल भाषा या क्षेत्र तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय राजनीति और भाषाई अस्मिता की बहस को एक बार फिर केंद्र में ला चुकी है।

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MNS चीफ राज ठाकरे के डुबो-डुबोकर मारेंगे वाले बयान पर निशिकांत दुबे ने ली चुटकी, कहा- मैंने हिंदी सिखा दी? | Image: grab

Nishikant Dubey Taunt on Raj Thackeray: महाराष्ट्र में इन दिनों भाषा को लेकर सियासत गर्माई हुई है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब निशिकांत दुबे ने एक बयान में राज ठाकरे को 'पटक-पटक कर मारने' की बात कही। इस पर राज ठाकरे ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि वह निशिकांत दुबे को 'डुबो-डुबो कर मारेंगे'। इस बयानबाज़ी के क्रम में निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे की हिंदी भाषा में की गई प्रतिक्रिया पर तंज कसते हुए कहा, मैंने उन्हें हिंदी सिखा दी?'भाषाई अस्मिता और राजनीतिक बयानबाज़ी के इस टकराव ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया रंग भर दिया है, जहां अब भाषा भी चुनावी हथियार बनती हुई दिखाई दे रही है।

 

महाराष्ट्र में भाषा को लेकर छिड़ी बहस ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। हाल ही में मुंबई में एक दुकानदार की इसलिए पिटाई कर दी गई क्योंकि उसने मराठी में बात नहीं की थी। इस घटना ने सामाजिक और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। इसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने तीखा बयान दिया। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि अगर राज ठाकरे में हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू, तमिल या तेलगू बोलने वालों को भी मारकर दिखाओ। केवल हिंदी बोलने वालों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है?' बीजेपी सांसद ने आगे कहा 'अगर खुद को इतना बड़ा नेता समझते हो तो बिहार, उत्तर प्रदेश या तमिलनाडु आओ, हम तुमको पटक-पटक के मारेंगे।'

 


देश में भाषा को लेकर असहिष्णु प्रभाव सामने आ रहे

निशिकांत दुबे के इस बयान ने विवाद को और भड़का दिया, जिस पर राज ठाकरे ने भी पलटवार करते हुए 'डुबो-डुबो कर मारने' जैसी टिप्पणी कर दी। यह पूरा घटनाक्रम न सिर्फ भाषा को लेकर बढ़ते असहिष्णुता के भाव को दर्शाता है, बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में भाषाई पहचान और राजनीति के आपसी टकराव को भी उजागर करता है। महाराष्ट्र में भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता को लेकर चल रही बहस ने नया मोड़ ले लिया है। मराठी न बोलने पर एक दुकानदार की पिटाई की घटना के बाद शुरू हुआ विवाद अब सीधे राजनीतिक नेताओं की बयानबाजी में बदल गया है।


राज ठाकरे को जवाब देने के लिए हिन्दी का प्रयोग करना पड़ा

यहां पर सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जब राज ठाकरे यह चेतावनी दे रहे थे, तब वे हिंदी में ही बोल रहे थे। इसी पर निशिकांत दुबे ने तंज कसते हुए पलटवार किया, 'मैंने राज ठाकरे को हिंदी सिखा दी?' यह जुबानी जंग अब केवल भाषा या क्षेत्र तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रीय राजनीति और भाषाई अस्मिता की बहस को एक बार फिर केंद्र में ला चुकी है। इसके पहले महाराष्ट्र में भाषा को लेकर जारी विवाद के बीच राज ठाकरे ने एक और तीखा बयान देकर भाषा को लेकर छिड़ी इस बहस को और तेज कर दिया था। राज ठाकरे ने मीरा-भायंदर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा,'अगर आप मराठी नहीं समझ सकते या अगर कोई आपके कान में मराठी बोले तो आपको नीचे एक थप्पड़ पड़ेगा। लोग बिना किसी कारण के हंगामा करते हैं।'


मराठी नहीं बोलने पर MNS कार्यकर्ताओं ने दुकानदार को पीटा था

राज ठाकरे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मराठी न बोलने पर एक दुकानदार के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था। इस टिप्पणी से साफ है कि राज ठाकरे मराठी भाषा के सम्मान को लेकर अपने रुख पर अडिग हैं, लेकिन उनके तीखे शब्दों और पार्टी कार्यकर्ताओं की कथित हरकतों ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में भाषा बनाम सहिष्णुता की बहस को हवा दे दी है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 19 July 2025 at 11:26 IST