अपडेटेड 20 February 2025 at 11:01 IST
दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनी; आतिशी के हाथ अब AAP की चाबी, केजरीवाल क्या छोड़ देंगे राजधानी की राजनीति?
आतिशी के साथ गोपाल राय और इमरान हुसैन ही AAP के वो नेता हैं जो नेता विपक्ष का पद संभाल सकते हैं। इन सबमें आतिशी की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है।
Delhi Politics: देश की राजधानी दिल्ली को एक बार फिर महिला मुख्यमंत्री मिल गई हैं। आज (20 फरवरी) को रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री के तौर पर राजतिलक होगा। ऐतिहासिक रामलीला मैदान में नई सरकार का भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है। एक ओर चर्चाएं BJP सरकार के भव्य ग्रहण समारोह की हैं। तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के भविष्य को लेकर भी कई तरह से सवाल लोगों के मन में आ रहे हैं। दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद क्या आतिशी को AAP की कमान मिल जाएगी? वहीं, केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी तमाम तरह की अटकलों का सिलसिला जारी है।
आम आदमी पार्टी पिछले 11 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी। साल 2015 और 2020 के चुनावों में AAP ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। ऐसे में पार्टी ने उम्मीद नहीं की होगी कि 2025 के चुनाव इतना बड़ा झटका लेकर आएंगे। साल 2020 में 70 में से 62 सीटें जीतने वाली AAP इस बार 22 सीटों पर ही सिमटकर रह गईं।
केजरीवाल-सिसोदिया हारे... लेकिन आतिशी को मिली जीत
आम आदमी पार्टी के लिए इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजे को बड़ा झटका लेकर आए ही। साथ ही अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती जैसे दिग्गज नेता अपनी सीटों पर ही चुनाव हार गए। इस बीच आतिशी AAP का वो बड़ा चेहरा थीं, जो अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं। कालकाजी सीट से आतिशी ने कांटे के मुकाबले में जीत दर्ज की।
नेता प्रतिपक्ष के लिए क्यों आतिशी की दावेदारी सबसे मजबूत?
अब AAP को नेता प्रतिपक्ष भी चुनना है। दिल्ली विधानसभा में आतिशी के अलावा गोपाल राय और इमरान हुसैन ही AAP के वो नेता हैं जो नेता विपक्ष का पद संभाल सकते हैं। इन सबमें आतिशी की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद आतिशी ने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था। एक महिला चेहरा होने के साथ उनकी गिनती केजरीवाल के भरोसेमंद में भी होती है। वो तमाम मुद्दों को लेकर BJP पर आक्रामक रहती हैं। ऐसे में चर्चाएं जोरों पर हैं कि आतिशी को ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती हैं।
क्या दिल्ली छोड़ पंजाब का रुख करेंगे केजरीवाल?
केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे बड़े चेहरों के चुनाव हारने के बावजूद आतिशी की जीत के साथ ही उनका कद तो पार्टी में बढ़ता हुआ दिख रहा है। हालांकि इस बीच सवाल ये भी है कि अब अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक भविष्य का क्या होगा?
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल इस बार अपनी नई दिल्ली सीट को बचा तक नहीं पाए। BJP के प्रवेश वर्मा ने उन्हें चुनाव में पटखनी दी। हार के बाद से ही ये लगातार चर्चाएं चल रही हैं कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली की राजनीति से एग्जिट ले सकते हैं। कई BJP और कांग्रेस नेताओं ने भी कहा है कि अब केजरीवाल दिल्ली को छोड़ पंजाब जा सकते हैं। लगातार ये दावे किए जा रहे हैं कि वह भगवंत मान को हटाकर वहां के CM बनेंगे। पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां AAP अभी सत्ता में है।
चुनाव में हार के कुछ घंटों बाद ही दिल्ली में पंजाब के मंत्रियों-विधायकों की अहम बैठक बुलाई गई थी, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई थी। फिलहाल तो आम आदमी पार्टी की ओर से इन दावों को सिरे से नकारती नजर आ रही है। लेकिन भविष्य में क्या होगा, ये किसको मालूम है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 20 February 2025 at 11:01 IST