अपडेटेड 13 December 2025 at 09:25 IST

1971 के युद्ध में पाक के खिलाफ खुला समर्थन, 10 अरब डॉलर का व्यापार... ओमान के साथ भारत की दोस्ती के किस्से मशहूर, किससे मिलने जाएंगे PM मोदी

पीएम मोदी की ओमान यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

Follow :  
×

Share


Sultan Haitham bin Tarik PM Modi | Image: x

PM Modi Visit to Oman: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से 18 दिसंबर तक तीन देशों के महत्वपूर्ण विदेश दौरे पर रहेंगे, जिसमें जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान शामिल है। पीएम की ओमान यात्रा कई मायनों में खास है। ओमान पश्चिम एशिया में भारत का सबसे पुराना, करीबी और वफादार दोस्त रहा है। यह एकमात्र ऐसा अरब (मुस्लिम) देश है जिसने 1971 में पाकिस्तान के साथ जंग में भारत को खुला समर्थन दिया था। ऐसे में हर किसी की निगाहें PM की ओमान यात्रा पर टिकी हुई है।

पीएम मोदी की ओमान यात्रा भारत की रणनीतिक जरूरतों के लिए अहम मानी जा रही है। इस दौरान कई बड़े समझौते होने की संभावना है। उम्मीद है कि इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

दोनों देशों के बीच FTA से क्या फायदा?

PM मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को प्रस्तावित ओमान और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की यह मंजूरी ओमान की शूरा परिषद के भारत के साथ प्रस्तावित एफटीए को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद आई। ऐसे में यह खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य देश के साथ दूसरा एग्रीमेंट है। इससे पहले भारत और GCC सदस्य देश संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक समाझौता हो चुका है।

ओमान और भारत के बीच मजबूत व्यापार  

ओमान और भारत के बीच निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दोनों देशों के बीच 2024-25 में आपसी व्यापार 10.61 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच कई संयुक्त उद्यम (जेवी) चल रहे हैं, जिसके जरिये ओमान की आर्थिक प्रगति में योगदान मिल रहा है। इसके अलावा GCC सदस्य देशों में ओमान भारतीय सेवाओं के लिए तीसरा बड़ा निर्यात बाजार है। वहीं गैर तेल निर्यात के लिए यह चौथा सबसे बड़ा बाजार है। गैर तेल निर्यात के लिए तीन सबसे बाजार संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब हैं।

1971 में जब ओमान ने लिया था फैसला

1971 युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने खुद को इस्लाम के किले के रूप में दर्शाया था। उस वक्त अरब देशों पर भारत का बायकॉट करने का भारी दबाव था। ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद ने अपना रुख स्पष्ट किया कि वह भारत का समर्थन करेगा और उसके रणनीतिक हितों के खिलाफ नहीं जाएगा। इसके लिए सुल्तान कबूस बिन सईद को सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे देश की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा काफी अहम हो गया है।

दूसरी बार ओमान दौरे पर जाएंगे PM मोदी

बता दें कि पीएम मोदी अपने दौरे के अंतिम चरण में 17 से 18 दिसंबर तक महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक के निमंत्रण पर ओमान का दूसरी बार दौरा करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। 

यह भी पढ़ें: EXPLAINER/ पहलगाम आतंकी हमला, Gen-Z विद्रोह... दुनिया के मंच पर छाए रहे ये मुद्दे
 

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 13 December 2025 at 09:16 IST