अपडेटेड 6 March 2025 at 23:00 IST

Republic Plenary Summit 2025 में बोले पीएम मोदी- '1 लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है'

रिपब्लिक प्लेनरी समिट 2025 में पीएम मोदी ने कहा कि 1 लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है। ये ऐसे युवा होंगे जो अपने परिवार के सबसे फर्स्ट होंगे।

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पीएम मोदी | Image: Republic

रिपब्लिक प्लेनरी समिट 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐलान किए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 10 साल पहले सोलर एनर्जी के मामले में भारत की दुनिया में कहीं गिनती नहीं होती थी। आज भारत इस मामले में दुनिया के 5 टॉप देशों में से एक है। हमने इसे 30 गुना बढ़ाया है। 10 साल पहले तो हम होली की पिचकारी भी बच्चों के खइलौने विदेशों से मंगाते थे।

पीएम मोदी ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले दिनों से लगा हूं कि 1 लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है। वो एक लाख ऐसे जो उनकी फैमिली में फर्स्ट टाइमर हों। एक प्रकार से ऐसे इवेंट मेरे मकसद के लिए ग्राउंड बना रहे हैं।

2014 से पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी?: PM मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा व्यक्तिगत लाभ ये है कि 2029 में जो वोट करने जाएंगे, उनको पता ही नहीं है कि 2014 से पहले अखबारों की हेडलाइन क्या हुआ करती थी। 10-12 लाख करोड़ के घोटाले होते थे। वो जब 2029 में वोट करने जाएगा, तो उसके सामने तुलना करने के लिए कुछ नहीं होगा। इसलिए मुझे उस कसौटी से पार होना है। मुझे पक्का विश्वास है कि ये जो ग्राउंड बन रहा है ना उसे पक्का कर देगी।

उन्होंने कहा कि मैं आपको 18 साल पहले की भी याद दिलाता हूं। जो लोग 18 साल की उम्र के हुए हैं, जो पहली बार वोटर बन रहे हैं, उन्हें 18 साल पहले क पता नहीं है। 2007 में भारत का वार्षिक जीडीपी 1 लाख करोड़ के डॉलर पहुंचती थी। ये वो समंय था जब 1 लाख करोड़ डॉलर इकोनॉमी की एक्टिविटी होती थी। अब एक क्वार्टर में ही इतनी एक्टिविटी हो जाती है। 18 साल पहले के भारत में साल भार में जितनी इकोनॉमी एक्टिविटी होती थी, अब सिर्फ 3 महीने में होने लगी है। ये दिखाता है कि आज का भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। 

पीएम मोदी ने कहा कि मैं कुछ उदाहरण है, जो दिखाता है कि एक दशक में कितने बदलाव और नतीजे आए। बीते 10 साल मनें 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुए हैं। ये संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा है। वो दौर याद कीजिए जब खुद पीएम कहते थे के एक रूपया भेजते थे तो 15 पैसा गरीबों तक पहुंचता हैय़ आज का भी दौर है, डीवीटी के जरिए 42 लाख करोड़ से ज्यादा गरीबों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं। आज दिल्ली से एक रुपया निकतला है, तो 100 पैसे आखिरी जगह तक पहुंचते हैं। 

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 6 March 2025 at 22:59 IST