अपडेटेड 24 April 2025 at 14:19 IST
कश्मीर की शांति दुश्मनों को चुभती है, मनोज तिवारी बोले- 'मैं कुछ दिनों पहले पहलगाम में ही था, वहां के लोग सुकून में थे और..'
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में गुस्सा है। इसी बीच मनोज तिवारी ने इस हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है।
Manoj Tiwari on Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में गुस्सा है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और नेता मनोज तिवारी ने इस हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतिपूर्ण चुनाव हुए थे, जिससे ये साबित हुआ कि घाटी अब बदल रही है और वहां के लोग शांति चाहते हैं। लेकिन कुछ ताकतें ऐसी भी हैं जिन्हें ये शांति रास नहीं आ रही।
मनोज तिवारी ने बताया कि वो खुद 15 अप्रैल को पहलगाम इलाके में गए थे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वहां के लोग बहुत सुकून और शांति से रह रहे थे और बदलाव को लेकर उम्मीद से भरे थे। लेकिन इतने शांति भरे माहौल के बाद अचानक ऐसा आतंकी हमला होना यह दिखाता है कि कुछ लोगों को ये खुशहाली बर्दाश्त नहीं है।
मनोज तिवारी ने उठाए बड़े सवाल
मनोज तिवारी ने कहा कि ये हमला सिर्फ मासूम लोगों पर नहीं, बल्कि कश्मीर की बदलती तस्वीर और भारत की एकता पर हमला है। मनोज तिवारी ने सरकार से मांग की है कि इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें सख्त सजा दी जाए और देश की शांति के दुश्मनों को छोड़ना नहीं चाहिए।
PM मोदी का छलका दर्द
पीएम नरेंद्र मोदी ने मधुबनी में सरकारी आयोजन में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। यही नहीं उन्होंने रैली में आए हजारों लोगों से कुछ पल का मौन रखने और मारे गए लोगों को नमन करने को कहा। पीएम मोदी ने कहा, 'मैं अपनी बात प्रारंभ करने से पहले आपसे प्रार्थना करना चाहता हूं कि आप जहां हैं, वहीं पर बैठकर 22 तारीख को जिन परिवार जनों को हमने खोया है, उनको श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ पल मौन रखें। अपने-अपने आराध्य देवता का स्मरण करते हुए उनको श्रद्धांजलि देंगे। उसके बाद ही मैं अपनी बात प्रारंभ करूंगा।'
पीएम नरेंद्र मोदी ने बोले- ‘22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है। हर कोई दुखी है। सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। जिन परिवार जनों का अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों। इसके लिए भी सरकार प्रयास कर रही है। आतंकी हमले में किसी ने अपने बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है। उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड़ बोलता था और कोई मराठी, उड़िया, गुजराती और कोई बिहार का लाल था। आज उन सभी की मृत्यु पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है। हमारा आक्रोश एक जैसा है। यह हमला निहत्थे पर्यटकों पर ही नहीं हुआ है, देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है।’
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 24 April 2025 at 14:19 IST