अपडेटेड 29 July 2025 at 18:07 IST
'ऑपेरेशन सिंदूर की रात भारत ने पाकिस्तान को फोन क्यों किया? सरकार में लड़ाई की इच्छा शक्ति नहीं थी', राहुल गांधी ने लोकसभा में उठाए सवाल
राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, ‘हमारे राजनीतिक नेतृत्व ने सेना के हाथ बांध दिए। आपने शुरू किया, और शुरुआत में ही आपने उनको कह दिया कि न हमारे पास पॉलिटिकल विल है, न ही हम लड़ाई करेंगे, फिर आपने सेना से कह दिया कि जाके लड़ाई करो।’
Rahul Gandhi in Parliament: संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस चल रही है। लोकसभा में चर्चा का दूसरा दिन है, जबकि राज्यसभा में मंगलवार से चर्चा की शुरुआत हुई। लोकसभा में राहुल गांधी ने बहस में हिस्सा लिया। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ‘शेर को खुला छोड़ना पड़ता है’, राहुल गांधी ने कहा- सेना के हाथ नहीं बांधने चाहिए थे। राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, ‘हमारे राजनीतिक नेतृत्व ने सेना के हाथ बांध दिए। आपने शुरू किया, और शुरुआत में ही आपने उनको कह दिया कि न हमारे पास पॉलिटिकल विल है, न ही हम लड़ाई करेंगे, फिर आपने सेना से कह दिया कि जाके लड़ाई करो।’
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने 1.35 पर पाकिस्तान को कॉल कर यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। आपने 30 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया यह बता दिया कि आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, ‘सवाल यह है कि जेट गिरे क्यों?’ उन्होंने CDS अनिल चौहान के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘आपने कोई गलती नहीं की, सेना ने कोई गलती नहीं, गलती राजनीतिक नेतृत्व से हुई और अनिल चौहान में यह जिगरा होना चाहिए कि वे यह साफ-साफ कह सकें कि सरकार ने उनके हाथ बांध रखे थे।’
पहलगाम हमले को लेकर राहुल ने पीएम मोदी को घेरा
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मकसद पीएम की इमेज बचाना था। उनके हाथ पहलगाम में मारे गए लोगों के खून से रंगे हैं। उन्होंने एयरफोर्स का इस्तेमाल अपनी छवि बचाने के लिए किया।’ राहुल ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने 25 बार कहा कि उन्होंने सीजफायर कराया, अगर पीएम मोदी में इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत है जो यहां बोल दें। अगर इंदिरा गांधी का 50 प्रतिशत भी है, तो बोल दें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत सरकार ने सोचा कि वह पाकिस्तान से लड़ रही है, लेकिन उन्होंने पाया कि वे तो पाकिस्तान और चीन, दोनों से लड़ रहे हैं। पाकिस्तान की आर्मी, एयरफोर्स लगातार चीन से अटैच थी, पाकिस्तानी सेना की डॉक्ट्रिन भी चेंज हो गई। चीनी उन्हें अहम सूचनाएं दे रहा था। अगर आपको मुझपर भरोसा नहीं तो जनरल राहुल सिंह का बयान सुनिए जो उन्होंने FICCI के इवेंट में दिया।’
इंदिरा गांधी ने अमेरिका की परवाह नहीं की
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम हमले को क्रूर बताते हुए कहा कि जो हुआ, वह गलत हुआ। सभी ने इसकी निंदा की। हम चट्टान की तरह चुनी हुई सरकार के साथ खड़े रहे। हम पहलगाम हमले के बाद नरवाल साहब के घर गए, उनका पुत्र नेवी में था। यूपी में भी पीड़ित परिवार से मिलने गए। कश्मीर में भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। हम राजनीतिक काम से लोगों से मिलते रहते हैं। जब हाथ मिलाते हो तब पता चल जाता है कि ये टाइगर है। टाइगर को आजादी देनी पड़ती है। सेना को पूरी आजादी देनी होती है। राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। सेना के उपयोग के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। 1971 में तब की प्रधानमंत्री ने अमेरिका की परवाह नहीं की। एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 29 July 2025 at 18:07 IST