अपडेटेड 6 July 2024 at 18:51 IST

परमहंस आचार्य ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद को बताया आतंकी संगठन, सरकार से की तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग

परमहंस आचार्य ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए जमीयत को आतंकवादी गतिविधियों को चलाने वाला इस्लामिक संगठन बताया है।

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Paramahansa Acharya on Jamiat Ulema-e-Hind: अयोध्या तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए जमीयत को आतंकवादी गतिविधियों को चलाने वाला इस्लामिक संगठन बताया है।

जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रबंध समिति ने एक राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्ताव पारित किया है जिसमें परंपरागत शैक्षणिक संस्थानों में जो सरस्वती वंदना और सूर्य नमस्कार तथा जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गीत इत्यादि होते थे उसको अधार्मिक बताते हुए मुस्लिम छात्रों को उसका विरोध करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है।

आतंकियों के केस लड़ता है जमीयत- जगद्गुरु परमहंस आचार्य

उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद यह ऐसा इस्लामी संगठन है जो पूरे देश में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करता है और इसका उदाहरण है अहमदाबाद में जो बम ब्लास्ट हुआ था जिसमें 36 आतंकवादी पकड़े गए थे, उनको सजा भी हो गई। उनका ऑन रिकॉर्ड केस अगर कोई लड़ रहा है तो वह जमीयत उलेमा-ए-हिंद है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद तत्काल प्रतिबंध लगे-  जगद्गुरु परमहंस आचार्य

परमहंस आचार्य ने कहा कि  मैं सरकार से मांग करता हूं कि यह संगठन राष्ट्र विरोधी संगठन है और तत्काल इस संगठन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। देश में जहां कहीं भी संगठन से जुड़े हुए लोग हो उनके ऊपर सबसे सख्त कार्रवाई की जाए। यह जो भारतीय परंपरा है, उसको तोड़ने का यह षड्यंत्र है। अभी तक जो मुसलमान थे उनका कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन अब  आतंकवादियों के इशारे पर आतंकवादियों का केस लड़ने वाली  जमीयत उलेमा-ए-हिंद इसने प्रस्ताव पारित किया है, वह निश्चित रूप से दंडनीय है। सरकार को इस पर एक्शन लेने की जरूरत है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 6 July 2024 at 18:51 IST