अपडेटेड 22 September 2025 at 16:29 IST

'ऑपेरशन सिंदूर' में पाकिस्तान की नाकामी का मिला सबूत, फुस्स होकर डल झील में गिरा था 'फतह-1' रॉकेट; अब मिला मलबा

डल झील से फतह-1 रॉकेट का मिलना पाकिस्तान के झूठे दावों और उनकी सैन्य कमजोरी की पोल खोलता है। डल झील कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।

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'ऑपेरशन सिंदूर' में पाकिस्तान की नाकामी का मिला सबूत | Image: X

Ballistic Missile Failure : ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने कैसे पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाई, इसका एक और सबूत मिला है। श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील में सफाई अभियान के दौरान पाकिस्तानी फेल्योर का बड़ा प्रमाण मिला है। 21 सितंबर, 2025 को हुई एक नियमित सफाई के दौरान झील के पानी से एक फुस्स हुआ पाकिस्तानी फतह-1 रॉकेट बरामद हुआ है।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने फतह-1 रॉकेट से श्रीनगर के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, लेकिन चूक गया। ऑपरेशन सिंदूर भारत की उस सैन्य कार्रवाई का नाम था, जो 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों का आतंकियों ने धर्म पूछकर मारा था। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जबकि पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की थी।

डल झील में क्या हुआ?

10 मई, 2025 को श्रीनगर में तेज धमाकों के साथ एक मिसाइल जैसी चीज डल झील के गहरे पानी में गिरी थी। यह घटना शहर को हिला देने वाली थी, लेकिन सौभाग्य से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अब, 5 महीने बाद, सफाई के दौरान वही अवशेष मिले हैं। अधिकारियों ने इन्हें तुरंत पास के पुलिस स्टेशन ले जाकर जांच के लिए सौंप दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फतह-1 सीरीज का हिस्सा है, जो पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल किया गया था।

पाकिस्तान का झूठा दावा

इस रॉकेट के मिलने से पाकिस्तान का वो दावा झूठा साबित हो गया, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया गया था। पाकिस्तानी मीडिया और अधिकारियों ने दावा किया था कि उनके फतह-1 रॉकेट ने श्रीनगर एयरबेस को पूरी तरह 'नष्ट' कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान का ये रॉकेट फटा तक नहीं। श्रीनगर एयरबेस से कई किलोमीटर की दूरी पर ही निष्क्रिय पड़ा रहा।

भारतीय वायु सेना ने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान की अधिकांश मिसाइलें और ड्रोन हमले एयर डिफेंस सिस्टम्स जैसे S-400 और अकाश द्वारा सफलतापूर्वक रोक लिए गए थे। एक अन्य फतह-1 मिसाइल हरियाणा के सिरसा के पास इंटरसेप्ट की गई थी, जो दिल्ली की ओर दागी गई थी।

क्या है फतह-1 रॉकेट?

फतह-1, पाकिस्तान की स्वदेशी मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2021 में पहली बार परीक्षण की गई थी। यह एक गाइडेड मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर (MLRS) सिस्टम है, जिसका विकास पाकिस्तान आर्मी ने विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से किया। फतह सीरीज की यह पहली मिसाइल है, जो उन्नत नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम से लैस है। दावा किया जाता है कि ये मिसाइल प्रणाली अलग-अलग लक्ष्यों पर सटीक हमला कर सकती है।

  • इसकी अधिकतम रेंज करीब 140 किलोमीटर है।
  • सतह-से-सतह गाइडेड आर्टिलरी रॉकेट है।
  • गहरे इलाकों में सटीक हमलों के लिए डिजाइन की गई, जैसे एयरबेस या कमांड सेंटर्स।

2023 में फतह-2 का परीक्षण हुआ, जिसकी रेंज 250-400 किलोमीटर तक है, लेकिन फतह-1 अभी भी पाकिस्तानी सेना की मुख्य हथियार प्रणाली है। हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर में इसकी सटीकता पर सवाल उठे हैं, क्योंकि अधिकांश लॉन्च विफल रहे या इंटरसेप्ट हो गए।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 22 September 2025 at 16:29 IST