अपडेटेड 10 May 2025 at 17:26 IST

पाकिस्तान की और बढ़ेगी टेंशन, भारत के पास होगी पूरा PAK नाप देने वाली ब्रह्मोस मिसाइल; CM योगी करेंगे लखनऊ यूनिट का उद्घाटन

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच लखनऊ देश की सैन्य ताकत का गवाह बनने जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन कल होगा।

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ब्रह्मोस मिसाइल | Image: @indiannavy

BrahMos Missile: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच लखनऊ देश की सैन्य ताकत का गवाह बनने जा रहा है। यहां तैयार की जा रही अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन कल होगा। स्वदेशी तकनीक से निर्मित यह मिसाइल जल, थल और नभ तीनों माध्यमों से वार करने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 450 से 500 किलोमीटर तक है। रक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री योगी, उपमुख्यमंत्री और शीर्ष सैन्य अधिकारी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। ब्रह्मोस जल्द ही भारतीय वायु सेना की ताकत बनेगी।

लखनऊ का ब्रह्मोस सेंटर देश की तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना की मारक क्षमता को अभूतपूर्व मजबूती देगा। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस केंद्र में प्रतिदिन लगभग 100 ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलें तैयार की जाएंगी। इन मिसाइलों का उपयोग हर तीसरे दिन एक बार थलसेना, नौसेना या वायुसेना के बेड़े में किया जाएगा, जिससे देश की सामरिक ताकत में निरंतर इजाफा होगा। इससे दूसरे देशों की तरफ युद्ध जैसे हालात में देखने की जरूरत खत्म हो जाएगी।

लखनऊ से Pakistan पर निशाना!

भारत की सबसे तेज और विध्वंसक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' अब न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण संयंत्र का उद्घाटन आगामी दिनों में होगा और इसके माध्यम से भारत अपनी सैन्य शक्ति को और सशक्त करेगा। 

UPEIDA के एसीईओ हरि प्रताप शाही के अनुसार, इस संयंत्र का निर्माण लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। लखनऊ में 80 हेक्टेयर भूमि, जिसे प्रदेश सरकार ने मुफ्त में प्रदान की, पर इस परियोजना का कार्य साढ़े 3 वर्षों में रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया। यह राज्य का पहला हाईटेक रक्षा निर्माण केंद्र होगा।

मेक इन इंडिया को बढ़ावा 

इस संयंत्र में ब्रह्मोस के साथ-साथ अन्य रक्षा उपकरणों और एयरोस्पेस तकनीक से संबंधित उपकरणों का भी निर्माण किया जाएगा। इससे लगभग 500 इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि हजारों श्रमिकों को परोक्ष रूप से काम मिलेगा।

ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण BrahMos Aerospace द्वारा किया जा रहा है, जो भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस की सरकारी संस्था NPO Mashinostroeninya के बीच एक संयुक्त उद्यम है। इसमें भारत की हिस्सेदारी 50.5% और रूस की 49.5% है। यह भारत का पहला रक्षा संयुक्त उद्यम है, जो किसी विदेशी सरकार के साथ मिलकर स्थापित किया गया है और इस परियोजना से 'मेक इन इंडिया' को भी बल मिलेगा। 

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 10 May 2025 at 17:26 IST