अपडेटेड 24 April 2025 at 19:29 IST

बूंद-बूंद को तरसेगा पाकिस्तान, किसानों में हाहाकार, PAK इकोनॉमी होगी तबाह... सिंधु जल संधि टूटने से पड़ोसी को कितना नुकसान?

भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाले सिंधु नदी के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया। ये फैसला पाकिस्तान की जल निर्भरता, कृषि और बिजली उत्पादन को गहरा झटका दे सकता है।

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Pakistan crave for every drop of water | Image: Republic/ PTI

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान को लेकर 5 बड़े फैसले लिए गए हैं, जिनका सीधा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, कृषि और ऊर्जा प्रणाली पर पड़ सकता है।

भारत के बड़े कदम:

  • सिंधु जल संधि को किया गया स्थगित: भारत ने पाकिस्तान को मिलने वाले सिंधु नदी के पानी पर रोक लगाने का फैसला लिया है। यह फैसला पाकिस्तान की जल निर्भरता, कृषि और बिजली उत्पादन को गहरा झटका दे सकता है।
  • अटारी बॉर्डर किया गया बंद: भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। सीमा पार आए लोगों को 1 मई तक वापस लौटने का समय दिया गया है।
  • वीजा प्रतिबंध: पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं। सार्क वीजा धारकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
  • राजनयिकों पर कार्रवाई: नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को 'अवांछित व्यक्ति' घोषित किया गया है। उन्हें 7 दिन में भारत छोड़ना होगा।
  • भारतीय अधिकारी भी वापस बुलाए जाएंगे: इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से भी संबंधित रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाया जाएगा।

सिंधु जल संधि के स्थगन से पाकिस्तान को कितना नुकसान?

  • कृषि पर गहरा असर: पाकिस्तान की 80% सिंचित भूमि सिंधु नदी पर निर्भर है। जल आपूर्ति में रुकावट आने से गेहूं, चावल और कपास जैसी प्रमुख फसलों की पैदावार घट सकती है। इससे खाद्य संकट, किसानों की आजीविका पर असर और ग्रामीण बेरोजगारी बढ़ने की आशंका है।
  • अर्थव्यवस्था और ऊर्जा संकट: सिंधु नदी से चलने वाली जल विद्युत परियोजनाएं—जैसे तरबेला और मंगला डैम—पाकिस्तान की बिजली का लगभग 30% हिस्सा पैदा करती हैं। यदि पानी की आपूर्ति रुकी, तो बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है, जिससे देश में ऊर्जा संकट गहरा सकता है।
  • शहरी इलाकों पर दबाव: कृषि संकट के चलते ग्रामीण क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर शहरी पलायन हो सकता है, जिससे लाहौर, कराची जैसे शहरों पर जनसंख्या का दबाव और बढ़ेगा।
  • भूमि की उर्वरता पर असर: पानी की कमी से सिंचाई घटेगी, जिससे जमीन में लवणता (salinity) बढ़ेगी और कृषि योग्य भूमि बंजर होती जाएगी। यह समस्या पहले ही पाकिस्तान की 43% कृषि भूमि को प्रभावित कर रही है।

भारत के इन फैसलों से पाकिस्तान को न केवल पानी और ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ेगा, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता पर भी बड़ा असर पड़ेगा। यह कदम भारत का आतंकवाद के खिलाफ कठोर संदेश भी है कि अब सिर्फ शब्दों से नहीं, एक्शन से जवाब मिलेगा।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 24 April 2025 at 19:09 IST