अपडेटेड 23 April 2025 at 15:22 IST
पहलगाम हमले पर अखिलेश यादव ने ये क्या कर डाला? BJP को घेरते-घेरते बता दिया हादसा, कहा- भाजपाइयों के खिलाफ देश के...
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में बीजेपी को जमकर घेरा है। आतंकी हमले को सरकार की नाकामी बताया है। इसमें मरने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की है।
Akhilesh Yadav: पहलगाम की घटना को लेकर अब राजनीति होने लगी है। खैर, अहम ये है कि अखिलेश यादव ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरता पूर्ण आतंकी हमले को हादसा बताया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहलगाम के आतंकी हमले को लेकर बीजेपी को घेरने उतरे। उन्होंने बीजेपी की ओर से एक तस्वीर को लेकर हमला किया था। इसको लेकर अखिलेश यादव ने लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा, लेकिन इसमें कहीं भी उन्होंने पहलगाम की घटना को आतंकी हमला नहीं लिखा।
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में बीजेपी को जमकर घेरा है। आतंकी हमले को सरकार की नाकामी बताया है। इसमें मरने वाले लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की है। हालांकि पूरे पोस्ट में उन्होंने आतंकी हमला कहीं ना लिखा है। एक जगह हमला शब्द का इस्तेमाल जरूर किया है, लेकिन अपने पोस्ट की शुरुआत में टेरर अटैक को हादसा और नीचे उसे घटना बताकर सीमित कर दिया।
अखिलेश यादव ने अपनी पोस्ट में क्या-क्या लिखा?
अखिलेश यादव अपनी पोस्ट में लिखते हैं- 'बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के बेहद दर्दनाक हादसे पर बचकाना विज्ञापन छापकर साबित कर दिया है कि भाजपाइयों की संवेदना उनके प्रति शून्य है, जिन्होंने अपना जीवन खोया है और जिनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बीजेपी अब ये विज्ञापन हटवा भी देगी तो भी उसका ये पाप उसके कट्टर समर्थक तक माफ नहीं करेंगे। बीजेपी हमेशा आपदा में अपनी सत्ता और सियासत के लिए अवसर ढूंढती है। बीजेपी अपनी सत्ता के सिवा किसी की सगी नहीं है। घोर निंदनीय!'
सपा प्रमुख आगे लिखते हैं- 'जब जम्मू-कश्मीर में बीजेपी सरकार ने सब कुछ अपने मन मुताबिक किया है तो वो इतने अधिक लोगों की असामयिक मौत के लिए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। ये केंद्र की सरकार की नाकामी है कि वो पहले से पता नहीं कर पाई कि देश के दुश्मन इतनी वीभत्स घटना को अंजाम देने वाले हैं। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है, बीजेपी सरकार ने अगर पिछले हमलों से सबक लिया होता तो वो पहले से ही सचेत-सजग रहती और ऐसे हमलों को रोका जा सकता था, लोगों के जीवन को बचाया जा सकता था। संवेदनहीन भाजपाइयों से आग्रह है कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दुख-दर्द समझकर कम-से-कम देश की सुरक्षा को तो जुमला न बनाएं। ये असीम दुख की घड़ी है, इसको भाजपाई दिखावटी बैठकों से और झूठी संवेदनाओं से झुठलाने का कुकृत्य न करें।'
अखिलेश लिखते हैं- 'भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों के खिलाफ देशभर के करोड़ों लोगों के मन में उठ रहा, गहरे दुख, रोष और क्रोध से भरा ये आक्रोशित सवाल गलत नहीं है कि अगर भाजपाई और उनके संगी-साथी देशभर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर के भ्रमण पर जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो उनकी सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध पहले से क्यों नहीं किए गए? जहां हमला हुआ वो स्थान कोई निर्जन स्थान नहीं था बल्कि एक चर्चित पर्यटन स्थल था, तब ही तो वहां देश के कई प्रदेशों के पर्यटक उपस्थित थे। इतने प्रसिद्ध स्थान पर सुरक्षा के लिए बैठकें पहले करनी थी, लोगों के जीवन गंवाने के बाद नहीं। ये बीजेपी सरकार की रणनीतिक चूक भी है, लेकिन इससे उन भाजपाइयों को क्या फ़र्क पड़ता है जो स्वयं तो सुरक्षा के कई घेरों में चलते हैं लेकिन देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं।'
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा- 'अगर बीजेपी सरकार ये बहाना करती है कि हमारे पास सुरक्षाबलों की कमी है तो इसके लिए भी बीजेपी सरकार ही जिम्मेदार है। सुरक्षाबलों की संख्या घटाकर, दोयम दर्जे के सुरक्षा उपकरणों, अस्त्र-शस्त्र व युद्ध वाहनों को खरीदकर और अग्निवीर जैसी योजनाएं लाकर बीजेपी देश की सुरक्षा से जो समझौता कर रही है, वो क्षम्य नहीं है। इस घटना के प्रतिशोध का कोई भी दावा अब जनता को बहका नहीं सकता क्योंकि कोई भी प्रतिक्रिया, मृतकों के जीवन को वापस नहीं ला सकती है। जिस परिवार ने जो खो दिया, सो खो दिया। सच तो ये है कि न तो देश की आजादी में भाजपाई और उनके संगी-साथियों ने कोई योगदान दिया न वो देश की आजादी को बचाने में कोई योगदान दे रहे हैं। लाख माफी मांगने पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों को न तो हमारे भारत देश का इतिहास माफ करेगा, न भविष्य। दुख की इस घड़ी में हमारी सच्ची संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है। श्रद्धांजलि!'
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 23 April 2025 at 15:22 IST