अपडेटेड 1 July 2025 at 11:39 IST
पहलगाम हमले को जयशंकर ने बताया 'इकोनॉमिक वॉरफेयर', बोले- न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग से डरने वाला नहीं भारत
एस जयशंकर ने कहा है कि कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला एक सुनियोजित "इकोनॉमिक वॉरफेयर" था, जिसका मकसद घाटी में पर्यटन उद्योग को तबाह करना और धार्मिक हिंसा भड़काना था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकवादी हमला एक सुनियोजित "इकोनॉमिक वॉरफेयर" था, जिसका मकसद घाटी में पर्यटन उद्योग को तबाह करना और धार्मिक हिंसा भड़काना था। उन्होंने साफ किया कि भारत अब आतंकियों को बिना जवाब के नहीं छोड़ेगा, चाहे वे सीमा के इस पार हों या उस पार। जयशंकर का यह बयान सोमवार को न्यूयॉर्क के मैनहट्टन स्थित वन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में "न्यूजवीक" के सीईओ देव प्रगाद के साथ संवाद के दौरान सामने आया। बातचीत 9/11 स्मारक के पास आयोजित की गई थी।
एस जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं थी, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के खिलाफ एक हमले की तरह था। "कश्मीर में पर्यटन वहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा ''आतंकियों ने वहां हमला कर न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, बल्कि धार्मिक पहचान के आधार पर नागरिकों को निशाना बनाकर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश भी रची"।
आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा
एस जयशंकर ने कहा, "हमने फैसला किया है कि अब आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। यह सोच कि वे सीमा पार हैं और इसलिए सुरक्षित हैं — अब यह नहीं चलेगा। हमने इस चुनौती को स्वीकार किया है और उसी के तहत कार्रवाई की है।" अपनी अमेरिका यात्रा के पहले दिन जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘The Human Cost of Terrorism’ नामक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारत पर हमला करने वाले आतंकी किसी छुपे हुए नेटवर्क से नहीं, बल्कि पाकिस्तान के भीड़-भाड़ वाले शहरों में खुलेआम मौजूद "कॉर्पोरेट हेडक्वार्टर्स" से काम करते हैं।
उन्होंने कहा, "हर किसी को पता है कि कौन-से आतंकी संगठन कहां से ऑपरेट कर रहे हैं — संगठन A और संगठन B की लोकेशन कोई रहस्य नहीं है। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए इन्हीं ठिकानों को जवाब दिया"।
ऑपरेशन सिंदूर LeT के ठिकानों पर वार
विदेश मंत्री ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का जवाबी सैन्य अभियान था, जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद शुरू किया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सहयोगी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों को टारगेट कर तबाह कर दिया।
"न्यूक्लियर ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं भारत"
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अब "प्रॉक्सी वॉर" जैसी रणनीतियों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "हम न तो आतंकियों को छोड़ेंगे, न ही उन सरकारों को जो उन्हें समर्थन, फंडिंग और विचारधारा देती हैं। यह सोच कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल से भारत डर जाएगा — अब नहीं चलेगी।" उन्होंने आगे कहा, "बहुत सालों से यह तर्क दिया जाता रहा है कि चूंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु देश हैं, इसलिए भारत को संयम बरतना चाहिए। लेकिन अब जनता की भावना भी कह रही है बहुत हो गया। अब हम जवाब देंगे।"
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 1 July 2025 at 11:39 IST