अपडेटेड 23 April 2025 at 19:04 IST
Pahalgam Attack: नफरत का सौदागर कौन? 370 हटने के बाद विकास की पटरी पर सरपट दौड़ने लगा जम्मू-कश्मीर, आंकड़े दे रहे गवाही
Pahalgam Attack : 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि आतंकी घटनाओं में कमी आई।
Terrorism in Jammu and Kashmir : आतंकी हमले के बाद पहलगाम से आई दर्द और चीत्कार की तस्वीरों ने पूरे देश को झकझोर दिया है। नम आखों के साथ हर भारतीय यही चाहता है कि आतंक और आतंक के आकाओं का फाइनल हिसाब हो। पहलगाम में लोग अपने परिवारों के साथ छुट्टी मनाने पहुंचे थे, घाटी की खूबसूरती को निहार रहे थे, इससे पहले कोई कुछ समझ पाता हैवानों ने लोगों के नाम पूछे और गोलियां बरसा दीं।
हमेशा की तरह इस हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। भारत सरकार आतंकी इको-सिस्टम को नष्ट करना चाहती है। जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए कई रणनीतियां बनाई गई है। अलग-अलग रणनीतियों और कार्रवाइयों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं की संख्या में कमी भी आई है, लेकिन पाकिस्तान हर वक्त मौके की तलाश में रहता है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी
5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए। इसे केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत लागू किया था। सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि आतंकी घटनाओं में कमी आई। सरकारी आंकड़े दावा करते हैं कि धारा 370 हटने के बाद घाटी में आतंकी हमलों, पत्थरबाजी और बंद जैसी घटनाओं में कमी आई है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित उत्तर में दी जानकारी के अनुसार-
सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। 2019 से 2023 तक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोई आतंकवादी घटना दर्ज नहीं की, जम्मू और कश्मीर का आंकड़ा कुछ ऐसा रहा-
2023 में आए 2.11 करोड़ पर्यटक
अभी तक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद शांति, प्रगति और समृद्धि देखी जा रही थी। पिछले 4 सालों के दौरान स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक संस्थान बिना किसी हड़ताल या किसी भी तरह की अन्य गड़बड़ी के बगैर काम कर रहे हैं। रोजाना होने वाली हड़ताल, पत्थरबाजी और बंद रखे जाने की घटनाएं अब अतीत की बात हो गई है। बेहतर कानून-व्यवस्था के कारण, जम्मू और कश्मीर में 2023 में 2.11 करोड़ पर्यटक आए। विदेशी पर्यटकों के आगमन में 2.5 गुना वृद्धि हुई है।
लेकिन हाल के पहलगाम हमले ने फिर सवाल खड़े कर लिया हैं। पहलगाम जैसे क्षेत्रों में बड़ा आतंकी हमला होना ये दर्शाता है कि घाटी में पूरी तरह से शांति स्थापित होना अभी बाकी है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 23 April 2025 at 19:03 IST