अपडेटेड 20 July 2025 at 23:52 IST
चाय, पानी और लस्सी पिलाया...ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों की मदद करने वाले 10 साल के बच्चे को मिला रिर्टन गिफ्ट; सेना उठाएगी पढ़ाई का पूरा खर्च
ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों की मदद करने वाले 10 साल के बच्चे शवन सिंह को सेना की तरफ से अब रिर्टन गिफ्ट मिला। हमलों के बीच सेना के जवानों की मदद करने के लिए ये खास तोहफा मिला।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 29 अप्रैल को आतंकियों ने वहां घूमने आए टूरिस्टों को उनका धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया। इस कायरतापूर्ण हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। वहीं भारतीय सेना के जांबाजों ने इस आतंकी हमले का बदला 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करके लिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 10 साल के शवन सिंह उर्फ स्वर्ण सिंह नाम के एक बच्चे ने कुछ इस तरह से हमारी बहादुर सेना की मदद की, जिसका उन्हें ईनाम भी मिला।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब के फिरोजपुर जिले के तारावाली गांव में शवन ने सैनिकों को चाय, दूध, लस्सी पिलाया। इस दौरान हालात कुछ ऐसे थे, कि लोगों के अंदर डर बना हुआ था। लोग सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। ऐसे में शवन ने जो बहादुरी दिखाई, उसकी सराहना की जा रही है।
शवन की पढ़ाई की जिम्मा भारतीय सेना ने लिया
न्यूज एजेंसी की ओर से साझा जानकारी के अनुसार भारतीय सेना के ऐरो डिविजन ने शवन की इस बहादुरी और समर्पण के लिए खूबसूरत सा उपहार दिया है। ऐरो डिविजन ने शवन सिंह की शिक्षा की पूरी जिम्मेदारी उठा ली है। शनिवार को फिरोज़पुर कैंटोनमेंट में वेस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने एक कार्यक्रम के दौरान शवन को उसकी बहादुरी और जज्बे के लिए सम्मानित किया।
फौजी बनना चाहता है शवन
शवन चौथी क्लास का छात्र है। जिस वक्त गोलियों की तड़तड़ाहट, तोपों और मिसाइलों की आवाजें चौतरफा आ रही थी, उस वक्त शवन सैनिकों के लिए चाय, पानी, बर्फ, दूध और लस्सी लेकर जाता था। शवन के इस साहस ने भारतीय सेना का दिल जीत लिया। शवन के इस हिम्मत को देखकर इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह बड़ा होकर देश की सेवा और सुरक्षा करना चाहता है। शवन से जब उसके सपने के बारे में पूछा गया तो उसने यही कहा कि मैं फौजी बनना चाहता हूं।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 20 July 2025 at 23:49 IST