अपडेटेड 9 February 2025 at 18:18 IST

‘लाडकी बहिन’ के लाभार्थियों की संख्या पांच लाख घटी, अपात्रों से पैसे वापस नहीं लिए जाएंगे: मंत्री

महाराष्ट्र सरकार की प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ की लाभार्थियों की संख्या घटकर पिछले महीने 2.41 करोड़ रह गई।

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Majhi Ladki Bahin Yojana | Image: Pixabay

महाराष्ट्र सरकार की प्रमुख योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ की लाभार्थियों की संख्या घटकर पिछले महीने 2.41 करोड़ रह गई, क्योंकि विभिन्न कारणों से पांच लाख महिलाएं अपात्र पाई गई हैं। दिसंबर 2024 में लाभार्थियों की संख्या 2.46 करोड़ थी। महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा है कि पिछले वर्ष जुलाई से दिसंबर के बीच इन महिलाओं के खातों में कुल मिलाकर 450 करोड़ रुपये अंतरित किए गए, लेकिन यह राशि वापस नहीं ली गई है और राज्य सरकार का ऐसा करने का कोई इरादा भी नहीं है।

इस योजना के तहत 21-65 आयु वर्ग की उन महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। पात्रता की अन्य शर्तों में चार पहिया वाहन न होना और परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी सेवा में न होना शामिल है।

तटकरे ने कहा, ‘‘जिन महिलाओं को अपात्र घोषित किया गया है, उन्हें आगे कोई लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन पहले से जमा की गई राशि वापस लेना उचित नहीं होगा।’’

अधिकारी ने बताया कि जिन पांच लाख महिलाओं को अपात्र माना गया, उनमें से 1.5 लाख महिलाएं 65 वर्ष से अधिक उम्र की थीं, जबकि 1.6 लाख महिलाओं के पास या तो चार पहिया वाहन था या वे ‘नमो शेतकरी योजना’ जैसी अन्य सरकारी योजनाओं की लाभार्थी थीं।

अधिकारी ने बताया कि करीब 2.3 लाख महिलाएं संजय गांधी निराधार योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रही थीं, जिससे वे ‘लाडकी बहिन योजना’ के लिए अपात्र हो गईं।

‘लाडकी बहिन योजना’ पिछले साल जुलाई में शुरू की गई थी। माना जाता है कि इस योजना ने नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में ‘महायुति’ की जीत में बड़ी भूमिका निभाई। भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीट जीतीं।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 9 February 2025 at 18:18 IST