अपडेटेड 29 October 2025 at 20:35 IST

खुद को बताता था भाभा परमाणु केंद्र का वैज्ञानिक... ईरान-रूस और पाकिस्तान तक फैला रखा था जासूसी नेटवर्क, आदिल से पूछताछ में कई खुलासे

आरोपियों ने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके खाड़ी देशों की कई बार यात्राएं की हैं। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने कई लोगों को भारत की सुरक्षा जानकारियां देने का ऑफर भी दिया था।

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Delhi Police | Image: Social Media

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक हाई-प्रोफाइल जासूसी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए सनसनीखेज खुलासे किए हैं। गिरफ्तार आरोपी आदिल हुसैनी ने रिमांड के दौरान माना है कि वह और उसका भाई खुद को मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) का वैज्ञानिक बताकर लोगों को झांसा देते थे। सूत्रों के मुताबिक, यह जासूसी गिरोह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके तार आईएसआई (ISI) हैंडलर्स और ईरान की परमाणु एजेंसी से जुड़े हुए हैं।

ईरान, रूस और पाकिस्तान से जुड़े तार

स्पेशल सेल की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी आदिल का संबंध ईरान, रूस और पाकिस्तान के एक बड़े जासूसी नेटवर्क से है। जांच अधिकारियों ने बताया कि आदिल कई फर्ज़ी नामों जैसे सैयद दिल हुसैन, मोहम्मद दिल हुसैनी और नसीमुद्दीन का इस्तेमाल कर रहा था। उसके पास से कई जाली पासपोर्ट, फर्ज़ी पहचान पत्र के साथ-साथ कई संवेदनशील दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं, जो उसकी खतरनाक मंशा की ओर इशारा करते हैं।

BARC में सेंध लगाने की साज़िश

जांच में सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि आदिल और उसके भाई अख्तर हुसैनी ने भाभा सेंटर के 3 फर्जी आईडी कार्ड भी बनवाए थे। इन फर्जी आईडी के ज़रिए वे अति-सुरक्षित परमाणु अनुसंधान केंद्र में दाखिल होने की फिराक में थे। हालांकि, स्पेशल सेल के मुताबिक, दोनों भाई अभी तक सेंटर में घुसने में सफल नहीं हो पाए हैं। इसके बावजूद, अख्तर हुसैनी फर्जी तरीके से भाभा का आधिकारिक लोगो तक इस्तेमाल कर रहा था, जो उनकी जासूसी की कोशिशों की गंभीरता को दर्शाता है।

खाड़ी देशों की यात्रा और परमाणु जानकारी बेचने का आरोप

आरोपियों ने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके खाड़ी देशों की कई बार यात्राएं की हैं। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने कई लोगों को भारत की सुरक्षा जानकारियां देने का ऑफर भी दिया था। दोनों भाइयों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी आईडी के ज़रिए खाड़ी देशों की बार-बार यात्राएं कीं और ईरान और रूस के एजेंटों को भारत से संबंधित परमाणु-संबंधी डिज़ाइन और गोपनीय जानकारी बेचने की कोशिश की। गिरफ्तार आदिल हुसैनी ने कथित तौर पर स्वीकार किया है कि उसने और उसके भाई ने फर्जी दस्तावेज़ बनाए थे। यह कबूलनामा इस बात की पुष्टि करता है कि जासूसी का यह नेटवर्क देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल अब इस पूरे नेटवर्क के बाकी सदस्यों और भारत में मौजूद इनके मददगारों का पता लगाने के लिए गहराई से जांच कर रही है। इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 29 October 2025 at 20:00 IST