अपडेटेड 15 February 2025 at 16:11 IST
New India Co-operative Bank Scam: आरोपी हितेश प्रवीण को EoW ने हिरासत में लिया, 122 करोड़ घोटाले का आरोप, बैंक ऑपरेशंस पर बैन
मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में आरोपी हितेश प्रवीण मेहता को हिरासत में लिया गया है। मामले को आगे की जांच के लिए EOW को सौंप दिया गया है।
New India Co-operative Bank Scam: मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में आरोपी हितेश प्रवीण मेहता को हिरासत में लिया गया है। उन पर करोड़ों रुपये के गबन का आरोप है।
जानकारी के मुताबिक, न्यू इंडिया बैंक घोटाले में आरोपी हितेश प्रवीण मेहता को EOW (आर्थिक अपराध शाखा) ने हिरासत में ले लिया है। हितेश मेहता पर 122 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। वह दादर न्यू इंडिया बैंक के जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे और अगले साल 2026 में रिटायर होने वाले थे। ईओडब्ल्यू की टीम आगे की जांच करेगी।
हितेश पर पद के दुरुपयोग का आरोप
बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी की शिकायत पर दादर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। हितेश प्रवीण पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर दोनों ब्रांच के अकाउंट्स से लगभग 122 करोड़ रुपये का घपला किया। बताते चलें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर वित्तीय गड़बड़ी सहित कई अन्य मामलों को लेकर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं।
122 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मुंबई पुलिस ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के कथित गबन का मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बताया कि मामले को आगे की जांच के लिए EOW को सौंप दिया गया है।
RBI ने को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाए थे कई प्रतिबंध
गौरतलब है कि गुरुवार को RBI ने को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए थे। इसमें जमाकर्ताओं के धन की निकासी पर प्रतिबंध भी शामिल है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में हुए घटनाक्रमों से पैदा हुई निगरानी संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यह कदम उठाया।
1 साल के लिए बैंक का बोर्ड भंग
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को एक साल के लिए बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था। साथ ही कामकाज के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया। इसके अलावा प्रशासक की मदद के लिए सलाहकारों की एक समिति भी नियुक्त की गई।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में जाकर धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख हितेश मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी और गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे पैसों से 122 करोड़ रुपये का गबन किया।
पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि शिकायत के आधार पर मेहता और अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात), धारा 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच के दायरे को देखते हुए मामले को आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। वहीं एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है।
को-ऑपरेटिव बैंक में कितने ब्रांच?
बता दें कि इस को-ऑपरेटिव बैंक की 28 शाखाओं में ज्यादातर मुंबई महानगर में हैं। गुजरात के सूरत में इसकी दो और पुणे में एक ब्रांच है।
(इनपुट भाषा)
(Note: यह एक ब्रेकिंग स्टोरी है। अधिक जानकारी के साथ अपडेट हो रही है)
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 15 February 2025 at 15:33 IST