अपडेटेड 24 February 2025 at 10:15 IST

13 KM तक हो चुकी खुदाई बस 200 मीटर और...सुरंग में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने के लिए कीचड़-पानी से जंग लड़ रही NDRF-SDRF

सुरंग के अंदर मलबा इतना ज्यादा जमा है कि उसमें से होकर गुजरने के लिए बचाव कर्मी रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

Follow :  
×

Share


Telangana Tunnel Collapse | Image: Republic

Telangana Tunnel Collapse: तेलंगाना नागरकुरनूल जिले में SLBC निर्माणाधीन सुरंग के ढह जाने के कारण पिछले 48 घंटों से अधिक समय से आठ मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। NDRF-SDRF समेत अन्य बचाव कर्मी कामगारों को बाहर निकालने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इसके बावजूद बचाव अभियान में अबतक को कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

प्रदेश के मंत्री जे. कृष्ण राव ने बताया कि सुरंग के अंदर मलबा इतना ज्यादा जमा है कि उसमें से होकर जाना नामुमकिन सा मालूम पड़ रहा है। बचाव कर्मी उसमें से गुजरने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं फंसे हुए लोगों के बचने की संभावना पर पूछे जाने को लेकर उन्होंने कहा कि हम कुछ कह नहीं सकते। हमें उम्मीद है। हालांकि जो घटना हुई वह बहुत गंभीर थी। बचने की संभावना के बारे में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते। इन परिस्थितियों में बचने की संभावनाएं बहुत अच्छी नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि घटना के बाद कुछ जीवित बचे लोग तैरकर सुरंग पार कर गए।

मिट्टी की मोटी परतें, लोहे की छड़ें और…

राज्य सरकार ने जारी किए गए वीडियो में रेस्क्यू टीम मिट्टी की मोटी परतों, लोहे की उलझी हुई छड़ों और सीमेंट के के टुकड़ों के बीच से होकर जाते दिखाई दिए।

'सुरंग के आखिरी हिस्से में भरा कीचड़ और पानी'

तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि शनिवार, 22 फरवरी की सुबह जब सुरंगा का एक हिस्सा ढहा तब लगभग 70 लोग सुरंग के अदंर काम कर रहे थे। उनमें से अधिकतर लोग बच निकलने में कामयाब रहे। हालांकि आठ लोग कल से लापता हैं। हम प्रार्थना कर रहे हैं कि वह सुरक्षित रहें।

भारी मशीनरी ले जाने में आ रही मुश्किलें

रेड्डी ने जानकारी देते हुए बताया कि सुरंग के ध्वस्त हुए हिस्से के आखिरी 200 मीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ भर गया है। इसकी वजह से रेस्क्यू टीमों को श्रमिकों तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भौगोलिक स्थिति के कारण सुरंग में भारी मशीनरी ले जाना बेहद मुश्किल हो गया है। हालांकि इन सबके बीच अधिकारी मलबा हटाने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर काम करने में जुटे हुए हैं।

उत्तम कुमार रेड्डी आगे कहते हैं सिंचाई विभाग, आपदा प्रतिक्रिया दल और रक्षा कर्मी मिलकर कोशिश कर रहे हैं। लगातार ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है और पानी निकालने के लिए मोटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

13 किमी तक पहुचीं रेस्क्यू टीमें

सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि जहां सुरंग ध्वस्त हो गई थी वहां रेस्क्यू टीमें 13 किलोमीटर तक पहुंचने में सफल रहीं। वहां पहुंचने पर उन्होंने फंसे हुए लोगों के नाम पुकारे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। जिलाधिकारी के अनुसार, अब भी फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए 200 मीटर का हिस्सा है। उनके पास पहुंचने के बाद ही स्थिति का पता चल पाएगा।

टनल में फंसे दो इंजीनियर और...

दो इंजीनियर (एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी से)
दो ऑपरेटर (अमेरिकी कंपनी से)
चार मजदूर (उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू कश्मीर)

कैसे हुआ हादसा?

मिली जानकारी के अनुसार, तेलंगाना के नागरकुरनूल जिल में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) शनिवार की सुबह करीब निर्माण कार्य शुरू होने के बाद लगभग 50 लोग 200 मीटर लंबी सुरंग बोरिंग मशीन लेकर सुरंग के अंदर गए थे। काम के सिलसिले में वह सुंरग के तकरीबन 13.5 किलोमीटर तक गए कि तभी अचानक छत ढह गई। इसी दौरान मशीन के आगे चल रहे दो इंजीनियर्स समेत आठ कामगार फंस गए। जबकि 42 और कामगारों को सुरंग के बाहरी गेट की ओर भागना पड़ा। ऐसे में 42 कामगार तो बाहर निकल आए लेकिन बाकी 8 लोग फंस गए। अधिकारियों के मुताबिक, अचानक पानी के साथ मिट्टी बहकर आने लगी जिसकी वजह से सुंरग का ऊपरी हिस्सा बैठ गया। अब रेस्कयू टीमों को 14 किलोमीटर अंदर मलबा जमा होने की वजह से रास्ता साफ करने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में बचाव दल आगे बढ़ने और किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।

यह भी पढ़ें: PM मोदी आज बिहार को देंगे सौगात, प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर गरमाई सियासत; तेजस्वी यादव-प्रशांत किशोर ने साधा निशाना


 

Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 24 February 2025 at 08:57 IST