अपडेटेड 28 November 2024 at 22:02 IST

आप सरकार ने 6.5 लाख पात्र परिवारों को स्वास्थ्य बीमा देने से किया इनकार: नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर राष्ट्रीय राजधानी के नागरिकों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बीमा से वंचित रखने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया।

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J P Nadda | Image: X

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आम आदमी पार्टी (आप) पर राष्ट्रीय राजधानी के नागरिकों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बीमा से वंचित रखने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया।

नड्डा ने सत्तारूढ़ दल पर ऐसे समय में यह आर‍ोप लगाया है जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को यहां लागू नहीं करने के लिए राजधानी की आतिशी सरकार की तीखी आलोचना की थी।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख होता है जब दिल्ली जैसे प्रदेश की सरकार जानबूझकर स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को लागू न कर के यहां की आबादी को इससे वंचित करती है। आप सरकार ने 6.5 लाख से अधिक पात्र परिवारों और दिल्ली के 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित किया है।’’

उन्होंने अखबार में प्रकाशित एक खबर की तस्वीर साझा करते हुए कहा, ‘‘अब दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी राजधानी की सरकार को जन-केंद्रित आयुष्मान योजना को लागू न करने के लिए फटकार लगाई है। इसने हमारे इस रुख को मजबूत किया है कि लोकतांत्रिक सरकारों को राजनीतिक मतभेदों से परे जनता को सहायता और सेवाएं प्रदान करने वाली योजनाएं अपनानी चाहिए।’’

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि दिल्ली सरकार केंद्र द्वारा वित्तपोषित स्वास्थ्य योजना के तहत वित्तीय सहायता कथित तौर पर स्वीकार नहीं कर रही है।

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि यह “अजीब” बात है कि दिल्ली सरकार केंद्र की सहायता स्वीकार नहीं कर रही है, जबकि उसके पास स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए “पैसे नहीं” हैं।

पीठ ने कहा, “आपके विचार भिन्न हो सकते हैं, लेकिन इस मामले में आप सहायता लेने से इनकार कर रहे हैं... आपकी कोई भी मशीन काम नहीं कर रही है। मशीनों को काम करना है, लेकिन वास्तव में आपके पास पैसा नहीं है।”

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने कहा, “आज आप नागरिकों को 5 लाख रुपये देने से इनकार कर रहे हैं। मैं स्तब्ध हूं।”

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 28 November 2024 at 22:02 IST