अपडेटेड 26 June 2025 at 16:53 IST
Murliwale Hausla: ग्लोबल हुए 8000 सांपों की जिंदगी बचाने वाले मुरली, सबसे खतरनाक किंग कोबरा को पकड़ने विदेश पहुंचे, पहले पानी पिलाया और फिर...
Murliwale Hausla: सांपों के रक्षक और पर्यावरण के प्रहरी मुरलीधर हौसला की पहचान अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रही। अब उनकी बहादुरी और सेवा की गूंज देश की सीमाएं पार कर विदेशों तक पहुंच चुकी है। हाल ही में नेपाल से एक मामला सामने आया, जिसने एक बार फिर मुरलीवाले हौसला के साहस को साबित कर दिया। नेपाल के एक घर में खतरनाक किंग कोबरा घुस आया था, जिससे वहां के लोग दहशत में थे। जैसे ही यह खबर मुरलीधर हौसला को मिली, वे अपनी टीम के साथ तुरंत नेपाल पहुंचे।
भारत के मशहूर सर्पमित्र मुरलीवाले हौसला किसी परिचय के मोहताज नहीं है। सर्पमित्र होने के साथ-साथ वो एक बड़े सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर मुरलीवाले हौसला के कई मिलियन फॉलोअर्स हैं। अब मुरली धमक देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। ताजा मामला नेपाल का है जहां एक किंग कोबरा का रेस्क्यू करने के लिए मुरलीधर हौसला अपनी टीम के लोगों के साथ पहुंचे और सावधानी पूर्वक उस खतरनाक किंग कोबरा को एक घर से निकालकर उसका और वहां के रहने वालों का भी बचाव किया। मुरलीवाले हौसला ने अब तक लगभग 8 हजार से भी अधिक सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं।
मुरलीवाले हौसला अबकी बार एक किंग कोबरा का रेस्क्यू करने के लिए नेपाल के कुकुरमारा इलाके में पहुंचे जहां एक कॉटेज में स्थानीय लोगों ने एक बड़े किंग कोबरा के होने की जानकारी दी। इसी किंग कोबरा का रेस्क्यू करने के लिए मुरलीवाले हौसला नेपाल पहुंचे। जैसे ही मुरलीवाले हौसला ने सामान हटाकर अपनी स्टिक से इस किंग कोबरा को छेड़ा वो एकदम से फुफकार उठा। दरअसल इस कॉटेज में कुछ खरगोश भी रहते थे और वहां पर एक बूढ़ी महिला भी रहती थीं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये विशालकाय किंग कोबरा जिसकी लंबाई लगभग 15-18 फीट के बीच रही होगी, खरगोशों को अपना शिकार बनाने के लिए यहां पहुंचा होगा।
जब मुरलीवाले हौसला बने गए थे कोबरा के 'शिकार'
देश भर से हजारों जहरीले सांपों को बचाने वाले 'सांपों के मसीहा' के नाम से मशहूर मुरलीवाले हौसला खुद कोबरा के दंश का शिकार बने गए थे और 3 से 5 जून के बीच जौनपुर के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझते नजर आए थे।दरअसल जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र से उन्हें खबर मिली कि एक कोबरा एक जाल में फंस गया है और ग्रामीण उसे परेशान कर रहे हैं ऐसे में मुरलीवाले हौसला ने बिना एक क्षण गवांए उस कोबरा के रेस्क्यू के लिए अभियान शुरू किया और जलालपुर पहुंचे। मुरलीवाले हौसला ने जैसे ही जाल में फंसे कोबरा को जाल से निकालने की कोशिश की, उसी क्षण पहले से ही घात लगाए बैठे विषधर ने बिजली की फुर्ती से उन पर हमला कर दिया। हमला इतनी तेजी से किया गया था कि एक सेकेंड के 14वें हिस्से में जहर उनके शरीर में पहुंच चुका था। वे बेहोश होकर गिर पड़े। उंगली में कोबरा के दांत टूट कर धंस गए थे और जहर पूरे शरीर में फैल रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि वे मौत से महज़ दो मिनट दूर थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां 10 एंटीवेनम इंजेक्शन दिए गए। लगातार पांच घंटे तक बेहोशी, लेकिन हजारों लोगों की दुआओं ने उन्हें जिंदगी की ओर लौटा दिया।
बिना जोखिम के सच्ची सेवा नहीं आती, ये मुरलीवाले हौसला से सीखें
सोशल मीडिया पर लाखों दिलों की धड़कन बन चुके और जमीनी स्तर पर हजारों जिंदगियों के रक्षक, मुरलीवाले हौसला सिर्फ एक नाम नहीं हैं बल्कि साहस, सेवा और समर्पण का प्रतीक हैं। एक सर्पमित्र के रूप में, हौसला ने अब तक 8000 से अधिक सांपों की जान बचाई है। वे न केवल इन जीवों को सुरक्षित जंगलों में छोड़ते हैं, बल्कि लोगों के मन से सांपों के प्रति भय को दूर करने का भी प्रयास करते हैं। उनकी ये कोशिशें प्रकृति और मनुष्यों के बीच समझ और सह-अस्तित्व का सेतु बनती हैं। हाल ही में हुई एक घटना ने यह भी दिखा दिया कि जो जीवन बचाते हैं, उनकी अपनी जान भी हर पल खतरे में रहती है। मुरलीवाले हौसला की कहानी हमें यही सिखाती है कि सच्ची सेवा बिना जोखिम और चुनौती के नहीं होती। वे न केवल सांपों के रक्षक हैं, बल्कि वे प्रकृति के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का संदेश भी फैलाते हैं। उनके साहस और समर्पण की वजह से ही हजारों जानें सुरक्षित हैं, और यही उनके संघर्ष की सबसे बड़ी जीत है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 26 June 2025 at 16:52 IST