अपडेटेड 11 September 2024 at 08:32 IST
अब डराने लगा मंकीपॉक्स, कोरोना की तरह फैल रहा वायरस; दिल्ली में एक और मरीज मिलने से हड़कंप
भारत में मंकीपॉक्स तेजी से पैर पसार रहा है। अब राजधानी दिल्ली में एक मरीज में पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। मरीज अस्पताल में भर्ती है।
Monkeypox Case in Delhi: भारत में मंकीपॉक्स तेजी से पैर पसार रहा है। अब राजधानी दिल्ली में एक मरीज में पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। मरीज में बुखार और शरीर में दर्द के लक्षण पाए जाने के बाद लोकनायक अस्पताल (LNJP) में भर्ती कराया गया है। सैंपल टेस्ट के बाद मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। फिलहाल वो खतरे से बाहर है।
भारत में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हो गई है। मरीज दिल्ली के लोकनायक हॉस्पिटल में भर्ती है। 26 साल के इस पेसेंट में मंकीपॉक्स के पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। यह इस साल दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला है। मरीज हाल ही में विदेश से यात्रा करके वापस लौटा है। उसकी हालात स्थिर है।
दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीज की पुष्टि
LNJP अस्पताल के निदेशक सुरेश कुमार ने बताया कि मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला हमारे पास आया, हमने इसका परीक्षण किया। मरीज को बुखार और शरीर में दर्द था और सैंपल को पुणे भेजा गया। यह पॉजिटिव पाया गया और इसमें पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन पाया गया है। घबराने की जरूरत नहीं है, मरीज आइसोलेशन में है।
कोराना की तरह फैल रहा है अफ्रीकन स्ट्रेन
कोराना महामारी के बाद अब मंकीपॉक्स भी तेजी से पैर पसारने लगा है। अफ्रीका से निकलकर मंकीपॉक्स का वायरस यूरोप और अमेरिका के बाद भारत तक पहुंच गया है। दुनिया भर में फैल रही इस खतरनाक बीमारी के पहले मामले की पुष्टि हुई है। जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता दिखाते हुए एमपॉक्स को लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक भी एडवाइजरी जारी की है। इससे पहले रविवार को एक संदिग्ध मरीज का नमूना मंकीपॉक्स की जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर चिंता जताई थी।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है जिसके लक्षण चेचक के रोगियों में पहले देखे गए लक्षणों के समान हैं, हालांकि चिकित्सीय रूप से यह कम गंभीर है। जूनोसिस या जूनोटिक रोग आदमियों में होने वाला एक संक्रामक रोग है जो किसी रोगाणु के कारण होता है।अधिकारियों के अनुसार, संक्रमण का प्रभाव आम तौर पर दो से चार सप्ताह तक रहता है। एमपॉक्स के मरीज आमतौर पर सहायक चिकित्सा देखभाल और प्रबंधन से ठीक हो जाते हैं।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 11 September 2024 at 08:32 IST