अपडेटेड 20 August 2025 at 08:09 IST

30 दिन तक हिरासत में रहें तो PM-CM से लेकर मंत्री को छोड़ना होगा पद, लोकसभा में बिल पेश करेगी सरकार; कांग्रेस ने उठाए सवाल

Lok Sabha: लोकसभा में आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह एक अहम बिल पेश कर सकते हैं। बिल के प्रावधान के मुताबिक अगर कोई मंत्री 5 साल या उससे ज्यादा सजा वाले संगीन अपराध में आरोपी हो और उसे 30 दिन तक हिरासत में रखा जाता है, तो उनका पद तुरंत छिन लिया जाएगा। ये नियम प्रधानमंत्री से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री तक पर लागू होगा।

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AMIT SHAH | Image: ANI

Lok Sabha news: लोकसभा में आज (20 अगस्त) को मोदी सरकार कई अहम बिल पेश करने जा रही है। इसमें एक ऐतिहासिक संविधान संशोधन बिल भी शामिल है, जिसे राजनीति में अपराधीकरण रोकने की दिशा में बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। इस बिल में ऐसा प्रावधान होगा कि अगर कोई मंत्री 5 साल या उससे ज्यादा सजा वाले संगीन अपराध में आरोपी हो और उसे 30 दिन तक हिरासत में रखा जाता है, तो उसका पद तुरंत छिन लिया जाएगा। बड़ी बात ये भी है कि ये नियम प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री पर भी लागू होगा।

फिलहाल गिरफ्तारी या फिर न्यायिक हिरासत में नेताओं को पद से हटाने का फिलहाल किसी भी कानून में कोई प्रावधान नहीं है। इन्हीं खामियों को दूर करने के उद्देश्य से सरकार लोकसभा में अहम बिल पेश करने जा रही है।

लोकसभा में तीन बिल पेश करेगी सरकार 

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार (20 अगस्त) को लोकसभा में तीन मसौदा विधेयक पेश करेंगे। इसमें संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेशों का शासन (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक शामिल है। गृह मंत्री इन विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे।

क्या है बिल में प्रावधान? 

लोकसभा में बिल पेश किया जाएगा, उसमें प्रावधान होगा कि अगर प्रधानमंत्री, कोई मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गिरफ्तार होने के बाद 30 दिनों तक हिरासत में रहता है और उनकी सजा 5 साल या उससे ज्‍यादा हो सकती है, तो 31वें दिन उन्हें पद से हटना होगा। इसके लिए राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री सिफारिश कर सकते हैं। ऐसी सिफारिश नहीं दी जाती, तो मंत्री 31वें दिन से पद से हट जाएगा।

नियम प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा। वह गिरफ्तारी के 30 दिन बाद भी इस्तीफा नहीं देते तो खुद पद से हट जाएंगे। हालांकि यह स्थायी प्रतिबंध नहीं होगा। बाद में उन्हें फिर से नियुक्त भी किया जा सकता है।

कांग्रेस ने क्यों उठाए सवाल? 

लोकसभा में इस बिल के पेश किए जाने पर भारी हंगामे के आसार हैं। कांग्रेस ने पहले ही इसका विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता अभिषेक मुन सिंघवी ने बिल पर सवाल उठाते हुए इसे विपक्ष को अस्थिर करने का प्रयास बताया।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, "क्या दुष्चक्र है। गिरफ्तारी के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं। विपक्षी नेताओं की बेतहाशा और बेहिसाब गिरफ्तारियां। नया प्रस्तावित कानून मौजूदा मुख्यमंत्री आदि को गिरफ्तारी के तुरंत बाद हटा देता है।"

सिंघवी ने यह भी कहा कि विपक्ष को अस्थिर करने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों को विपक्षी मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करने के लिए उकसाना और उन्हें चुनावी तौर पर हराने में नाकाम रहने के बावजूद, मनमाने ढंग से गिरफ्तार करके उन्हें हटाना। सत्तारूढ़ दल के किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को कभी छुआ तक नहीं जाता।"

यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? मोदी सरकार बुधवार को लोकसभा में पेश करेगी J&K पुनर्गठन संविधान संशोधन विधेयक


 

Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 20 August 2025 at 08:09 IST