अपडेटेड 3 April 2024 at 15:23 IST
मौलाना सज्जाद ने राहुल को लिखी चिट्ठी, पूछा-खुलकर मुसलमानों की समस्याओं पर बात करने से परहेज क्यों?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना उर रहमान सज्जाद नोमानी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है और कई तीखे सवाल किए हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम सियासी दल सभी जाति धर्म के लोगों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस जंग में धर्म गुरु भी कूद पड़े हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना उर रहमान सज्जाद नोमानी कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। नोमानी ने मुस्लमानों की हालात को लेकर राहुल गांधी से तीखा सवाल किया है।
विश्व प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान की ओर से राहुल गांधी को लिखे पत्र में उन्हें सभी धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ एकजुट होकर संविधान विरोधी और लोकतंत्र विरोधी ताकतों से लड़ने की सलाह दी। नोमानी ने कहा कि आप देश को नकारात्मक ताकतों से बचाने के अपने संघर्ष में एक लंबा सफर तय कर चुके हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ओबीसी प्रतिनिधित्व और भागीदारी का मुद्दा उठाने के लिए आपको बधाई देता हूं।
नोमानी ने लगाया मुस्लिमानों को नजरअंदाज करने का आरोप
यह देश के उन ज्वलंत मुद्दों में से एक है जिसे दृढ़ विश्वास की कमी और चंद लोगों को खुश करने के लिए लंबे समय तक नजरअंदाज कर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। लेकिन इसके खिलाफ आपने चुप्पी तोड़ते हुए साहसिक और सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि मैं आपको हमारे देश के प्रत्येक नागरिक के लिए "पंच न्याय" की अवधारणा का प्रचार और वकालत करने के लिए भी बधाई देता हूं।
राहुल ने शायद ही अपने भाषण में मुस्लिम शब्द का जिक्र किया हो-नोमानी
मौलाना नोमानी ने अपने खत में आगे कहा कि दुर्भाग्य से मुझे कहना होगा कि मुझे डर है कि कांग्रेस पार्टी में सभी सदस्य देश के विकास के लिए आपके समग्र और समावेशी दृष्टिकोण के साथ नहीं हैं। जो राहुल गांधी हमारे देश के सभी वर्गों और समुदायों के लिए रखते हैं। शायद आपके आस-पास के कुछ दुर्भाग्यशाली लोगों की इस सीमित संकीर्ण मानसिकता का परिणाम है, जिन्होंने आपको देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों से खुद को दूर रखने की सलाह दी होगी। आपने अपने अनगिनत भाषणों में शायद ही कभी ' मुसलमान' शब्द का जिक्र किया हो।
हम राहुल से अनुचित समर्थन नहीं मांग रहें हैं-नोमानी
प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि हमारा मतलब यह नहीं है कि राहुल गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बगैर विचार किए किसी भी मुसलमान के साथ खड़ी हो। हमारी मांग है कि राहुल गांधी और कांग्रेस न्याय, स्वतंत्रता, भाईचारा, गरिमा, जीवन के सभी क्षेत्रों में समान भागीदारी और प्रतिनिधित्व के आधार पर मुसलमानों के पक्ष में प्रमुखता से खड़ी हो। जैसे आप अन्य समुदायों और समाज के वर्ग के साथ खड़े हैं। हम आपसे कोई अनुचित समर्थन नहीं मांग रहें हैं।
मौलाना नोमानी ने कहा कि मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आप अल्पसंख्यक समुदाय पर नए सिरे से गौर करें। आप देखेंगे कि मुसलमान न केवल मौखिक रूप से सकारात्मक शक्तियों का समर्थन करते हैं, बल्कि वे हमारे देश के समग्र विकास के लिए आपके साथ सहयोग करने में भी काफी हद तक जा सकते हैं। सबसे बड़ा अल्पसंख्यक न केवल आपको नैतिक और शारीरिक रूप से योगदान दे सकता है, बल्कि वे आपको बौद्धिक और आर्थिक रूप से भी समर्थन दे सकता है। हालांकि उनके संसाधन सीमित हैं, लेकिन उनमें देश के लिए बलिदान देने का बड़ा साहस है।
राहुल को नोमानी ने दी क्या सलाह?
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि देर हो चुकी है, लेकिन बहुत देर नहीं हुई है। आप इस समुदाय के प्रति अपना नजरिया बदल लें। अब समय आ गया है कि आप इस समुदाय के प्रति अपने दृष्टिकोण में आवश्यक सुधार करें और सभी समुदायों की बेहतर और समावेशी भागीदारी सुनिश्चित करें।
मौलाना सज्जाद नोमानी ने कहा कि यह हमारे देश के हित में होगा कि आपकी "मोहब्बत की दुकान" में दलित, आदिवासी, मुस्लिम, अल्पसंख्यक और ओबीसी सहित समाज के सभी वर्गों को शामिल किया जाए। यही हमारे देश को अपूरणीय क्षति से बचाने का एकमात्र तरीका है। मैं इस मामले पर विस्तार से चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं और बेहतर सहयोग, प्रतिनिधित्व और समावेशी प्रयास सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से आपको और अधिक जानकारी देने की उम्मीद करता हूं।
यह क्षण ऐतिहासिक है और हमें इस महत्वपूर्ण मोड़ पर न तो हारना चाहिए और न ही गलतियां करनी चाहिए। क्योंकि इतिहास हमें हमारे कामों और गलतियों के लिए जिम्मेदार ठहराएगा, भले ही हम उन्हें स्वीकार न करना चाहें।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 3 April 2024 at 13:17 IST