अपडेटेड 26 December 2024 at 23:26 IST

Manmohan Singh: दो बार देश के PM, वित्त मंत्री, कैंब्रिज-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई... मनमोहन सिंह का सियासी सफर

Manmohan Singh: भारत के वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर और इस सफर में मनमोहन सिंह की सादगी उनकी शख्यिसत की एक खूबी रही।

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Former Prime Minister Manmohan Singh died at the age of 92 | Image: X

Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उन्होंने आखिरी सांस ली। पूर्व पीएम को गुरुवार शाम करीब 8 बजे अचानक तबीयत खराब होने के बाद एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन के बात करें तो उनका जीवन बहुत ही सादगी भरा लेकिन बेदह प्रभावशाली रहा। कैंब्रिज-ऑक्सफोर्ड जैसी नामी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का सफर अद्भुत रहा। अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ होने के साथ राजनीति में बेहद खामोशी के साथ बड़े कामों को अंजाम देने वाले डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

भारत के वित्त मंत्री से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर और इस सफर में मनमोहन सिंह की सादगी उनकी शख्यिसत की एक खूबी रही। 1991 के भारतीय अर्थव्यवस्था पर गहराए संकट से अपनी अर्थशास्त्रीय सूझबूझ के जरिए उन्होंने उभारा।

 

बतौर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह

डॉ. मनमोहन सिंह साल 2004 में देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद एक बार फिर 2009 में यूपीए-2 के कार्यकाल में देश की बागडोर मनमोहन सिंह के हाथों में रही। साल 2004 से 2014 तक लगातार 10 सालों तक प्रधानमंत्री के रूप में देश सेवा की। पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद डॉ. मनमोहन सिंह पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लगातार 10 साल कर भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी आर्थिक नीतियों के कारण ही वैश्विक मंदी के दौर में भी भारत ने मजबूती से प्रदर्शन किया। हालांकि यूपीए-2 में उनके कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों के कारण उनकी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

बतौर वित्त मंत्री मनमोहन सिंह

डॉ. मनमोहन सिंह का बतौर वित्त मंत्री कार्यकाल बहुत ही शानदार रहा। साल 1991 में पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा के नेतृत्व वाली सरकार में मनमोहन सिंह ने अपनी अर्थशास्त्रीय समझ का परिचय देते हुए देश को गहरे आर्थिक संकट के दौरा से बाहर निकाला। भारत में आर्थिक उदारवाद के जनक के रूप में पहचान पाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू किया जिससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला और भारत को विदेशी बाजारों से जोड़ने का काम किया गया। उनकी आर्थिक नीतियों के कारण ही देश ने लाइसेंस राज के खात्मे की ओर कदम बढ़ाया और उद्योगों को बढ़ावा मिलना शुरू हुआ।

डॉ. मनमोहन सिंह का सियासी सफर

डॉ. मनमोहन सिंह के सियासी सफर की बात करें तो उनका राजनीतिक करियर साल 1991 में राज्यसभा सदस्य को रूप में हुआ। जो करीब 33 साल लंबा चला। इस दौरान वो साल 1998 से 2004 के बीच विपक्ष के नेता भी रहे। 3 अप्रैल 2024 को उन्होने राज्यसभा में अपनी 33 साल लंबी संसदीय पारी को विराम दिया। 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 26 December 2024 at 23:09 IST