अपडेटेड 21 August 2025 at 19:46 IST
Manisha Murder: 8 दिनों बाद हरियाणा की टीचर बिटिया का अंतिम संस्कार, बिलखति रही मां; कांपते हाथों से छोटे भाई ने दी चिता को अग्नि
Manisha last journey: भिवानी में लेडी टीचर मनीषा का 8 दिनों बाद अंतिम संस्कार किया गया। सरकार ने सीबीआई जांच का आश्वासन दिया है।
Manisha Murder Case: भिवानी में 8 दिन पहले खेत में मृत पाई गई मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया, गांव में मनीषा की अंतिम विदाई का मंजर दिल दहला देने वाला था। पूरा गांव रो पड़ा... जब शव को गांव लाया गया, हर किसी की आंखे नम थी। मनीषा के शव को उसके घर नहीं ले जाया गया। छोटी बहन और मां की चीखें आसमान को चीर रही थीं… लेकिन उन्हें अंतिम दर्शन नहीं करवाए गए। दादा बेसुध इंसाफ की आस में टकटकी लगाए बैठ गए और गांव वालों का कलेजा फट गया जब, मनीषा के छोटे भाई ने कांपते हाथों से अपनी प्यारी बहन की चिता को आग दी। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
सुरक्षा को देखते हुए भिवानी से लेकर चरखी दादरी तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया। गांव के सैकड़ों लोग भारी सुरक्षा घेरे और बंद इंटरनेट सेवाओं के बीच मनीषा को अंतिम विदाई देने उमड़े, मानो हर दिल उसकी बेगुनाही और अधूरी कहानी के लिए रो रहा हो।
मनीषा को इंसाफ दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे लोग
19 साल की लेडी टीचर मनीषा की मौत के पीछे की वजह खुलने के इंतजार में 8 दिन उसकी लाश अस्पताल में पड़ी रही। मनीषा की डेडबॉडी का 3 बार पोस्टमॉर्टम कराया गया। शुरुआत में पुलिस ने इसे सुसाइड करार दिया था। लेकिन, परिवार-ग्रामीण इसे मानने को तैयार नहीं हुए।
इंसाफ की मांग, क्षेत्र में बंद करना पड़ा इंटरनेट
मनीषा की मौत का गुस्सा भिवानी तक सीमित नहीं रहा बल्कि देखते ही देखते पूरे देश में फैल गया। छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए। हरियाणा सरकार को भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट तक बंद करना पड़ा। मामला बिगड़ते देख CM को आधी रात (2 बजे) बताना पड़ा कि हम जांच CBI को सौंप रहे हैं। मनीषा तो पंचतत्व में विलीन हो गई लेकिन उसकी हत्या हुई या आत्महत्या की, यह राज अभी तक राज ही बना हुआ है। हरियाणा सरकार जांच जल्द CBI को सौंप देगी। मनीषा 11 अगस्त को लापता हुई थी और 21 अगस्त को अंतिम संस्कार हुआ है।
मां और छोटी बहन को नहीं कराए गए अंतिम दर्शन, पिता कि तबीयत बिगड़ी
मनीषा के शव को घर नहीं लाया गया। शव सीधा सिविल अस्पताल से एंबुलेंस में श्मशान घाट लाया गया। इसलिए मां और छोटी बहन अंतिम दर्शन नहीं कर पाईं। शव को देख पिता संजय की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पूरा गांव मनीषा को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचा। लोगों ने मनीषा अमर रहे के नारे भी लगाए। इस दौरान मनीषा के घर में सन्नाटा दिखा। अंतिम संस्कार के दौरान गांव में पुलिस का पहरा रहा।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 21 August 2025 at 18:46 IST