अपडेटेड 29 June 2025 at 22:34 IST
हिंदी थोपने के आरोपों के बीच महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा फार्मूले पर लगाई रोक, भारी विरोध के बाद लिया फैसला
महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा फार्मूले पर रोक लगा दी है। बता दें कि उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार पर महाराष्ट्र में हिंदी भाषा थोपने का आरोप लगाया था।
महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा फार्मूले पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा ने राज्य में त्रिभाषा फार्मूले के कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। जब तक समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करती, सरकार ने दोनों सरकारी प्रस्तावों को रद्द कर दिया है।
तीन-भाषा नीति के कार्यान्वयन से संबंधित दो सरकारी संकल्प वापस लिए जाने के फैसले पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने तीन-भाषा नीति के कार्यान्वयन से संबंधित दो सरकारी संकल्प वापस ले लिए हैं और डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता वाली एक नई समिति इसका अध्ययन करेगी और अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
मराठी भाषी लोगों के मुंबई छोड़ने के लिए कौन जिम्मेदार- एकनाथ शिंदे
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो लोग हमारे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं, जब वे सत्ता में थे, तो उन्होंने तीन भाषाओं - मराठी, अंग्रेजी और हिंदी की शिक्षा को अनिवार्य कर दिया था, जिसकी सिफारिश रघुनाथ माशेलकर समिति ने की थी। जब वे सत्ता में थे, तो उनकी राय अलग थी और अब जब वे सत्ता में नहीं हैं, तो वे अलग तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। जनता जानती है कि मराठी भाषी लोगों के मुंबई छोड़ने के लिए कौन जिम्मेदार है और हमारी सरकार उन्हें वापस मुंबई ला रही है।
मुख्यमंत्री मराठी भाषा के खिलाफ क्यों हैं- उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा नीति पर GR वापस ले लिया है। सरकार के इस फैसले पर शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, "मुख्यमंत्री मराठी भाषा के खिलाफ क्यों हैं? उन्हें अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। मुख्यमंत्री के मन में मराठी भाषा के खिलाफ जहर क्यों है? मुख्यमंत्री मराठी भाषा के खिलाफ हैं।"
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 29 June 2025 at 22:34 IST