अपडेटेड 26 September 2024 at 11:29 IST

महालक्ष्‍मी के 59 टुकड़े क्यों, कौन सी बात कातिल को लगी बुरी? मुक्‍तिरंजन के डेथ नोट ने खोले राज

रंजन ने अपने डेथ नोट में लिखा- मैंने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी। उस दिन मैं महालक्ष्मी के घर गया था। हमारी किसी बात पर बहस हुई।

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महालक्ष्‍मी के 59 टुकड़े क्यों, कौन सी बात कातिल को लगी बुरी? | Image: Social Media

Mahalakshmi Case Bengaluru : कर्नाटक के बेंगलुरु के वायलिकावल इलाके में महालक्ष्‍मी की नृशंस हत्या से पूरा देश दहल उठा था। पुलिस ने बताया कि महालक्ष्‍मी के 59 टुकड़े करने वाला मुख्‍य आरोपी मुक्‍तिराजन प्रताप रॉय ने खुदकुशी कर ली है। बेंगलुरु के डीसीपी-सेंट्रल, शेखर एच टेककन्नावर ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। रॉय का शव ओडिशा से बरामद किया गया है।

पुलिस अभी इस बात की जांच कर ही रही थी कि मुक्‍तिराजन ने महालक्ष्‍मी को क्यों मारा? आखिर उन दोनों का कनेक्शन क्या है? तभी पुलिस को एक डायरी और डेथ नोट मिला। आपको बता दें कि मुक्ति रंजन फंडी गांव का रहने वाला था और बेंगलुरु में एक कपड़े की दुकान में काम करता था।

डेथ नोट में मक्‍तरंजन ने बताया सबकुछ

रंजन ने अपने डेथ नोट में लिखा- मैंने 3 सितंबर को महालक्ष्मी की हत्या कर दी थी। उस दिन मैं महालक्ष्मी के घर गया था। हमारी किसी बात पर बहस हुई। तब महालक्ष्मी ने मुझपर हमला कर दिया। यह बात मुझे पसंद नहीं आई और गुस्से में मैंने उसे मार डाला। फिर मैंने उसकी लाश के 59 टुकड़े किए और उन्हें फ्रिज में डालकर वहां से भाग गया।

मैंने कमरा साफ करने की कोशिश भी की थी ताकि लोगों को बदबू न आए। महालक्ष्मी का व्यवहार मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था। मुझे बाद में हत्या का पछतावा जरूर हुआ। क्योंकि गुस्से में मैंने जो कुछ भी किया वो गलत था। मैं डर गया था इसलिए यहां भाग आया।

मुक्तिरंजन पिछले दिन सुबह यानि 24 सितंबर को ही घर आया था। वह कुछ देर घर पर रुका और रात को स्कूटी बाइक से बाहर चला गया। इस बार वह अपना लैपटॉप लेकर चला गया और उसके बाद वह कहां गया किसी को नहीं पता। अगले दिन उसका शव कुलेपाड़ा नामक कब्रिस्तान में लटका हुआ मिला। फिलहाल, मुक्ति रंजन रॉय की आत्महत्या को लेकर दुशिरी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 26 September 2024 at 11:29 IST