अपडेटेड 11 August 2025 at 10:02 IST
हम चांद तक पहुंच गए, लेकिन मानवता कहां गई? बाइक पर पत्नी का शव बांधकर घर ले जाने को मजबूर हुआ शख्स, नहीं मिली कोई मदद
यह घटना हमारे समाज में इंसानियत की कमी को उजागर करती है। एक हताश पति को अपनी मृत पत्नी के शव को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।
भारत चांद तक पहुंच गया, लेकिन बुनियादी सुविधाओं और मानवता की सूची में हम अभी भी बहुत पीछे हैं। नागपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार (10 अगस्त) को एक ऐसी घटना घटी, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया। एक हताश पति, अपनी पत्नी के शव को बाइक पर बांधकर मध्य प्रदेश के सिवनी स्थित अपने घर ले जाने को मजबूर हुआ।
यह दिल दहला देने वाला मामला न केवल सामाजिक संवेदनशीलता की कमी को उजागर करता है, बल्कि व्यवस्था की नाकामी पर भी गंभीर सवाल उठाता है। मृतक महिला का नाम ग्यारसी अमित यादव था, और उनके पति का नाम अमित भूरा यादव है। अमित मध्य प्रदेश के सिवनी के रहने वाले हैं और पिछले 10 सालों से नागपुर के कोराडी के पास लोनारा में रह रहे हैं। रक्षाबंधन के मौके पर अमित अपनी पत्नी के साथ बाइक पर लोनारा से देवलापार होते हुए करणपुर जा रहे थे।
किसी ने नहीं की मदद
इसी दौरान दोपहर करीब 12 बजे, देवलापार थाना क्षेत्र के मोरफटा इलाके में एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिसमें ग्यारसी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद अमित ने आसपास के लोगों और वाहनों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया।
हताशा में लिया कठोर फैसला
जब तमाम कोशिशों के बाद भी कोई गाड़ी नहीं रुकी और कोई मदद नहीं मिली, तो अमित ने अपनी पत्नी के शव को बाइक पर बांधकर सिवनी अपने घर ले जाने का फैसला किया। इस दौरान का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें अमित को अपनी पत्नी के शव को बाइक पर ले जाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में यह भी दिखाई देता है कि हाईवे पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन डर और हताशा के कारण अमित पहले नहीं रुके। हाईवे पुलिस ने इस घटना का वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने अमित को बाइक रोकने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं रुके। कुछ दूरी पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए नागपुर के मेयो अस्पताल भेज दिया।
यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि समाज में इंसानियत की कमी को भी उजागर करती है। एक हताश पति को अपनी मृत पत्नी के शव को बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा समाज इतना असंवेदनशील हो चुका है कि एक इंसान की पुकार को अनसुना कर देता है?
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 11 August 2025 at 09:57 IST