अपडेटेड 14 February 2025 at 09:52 IST
TMC ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने को देरी से उठाया गया कदम बताया
Bengal: टीएमसी ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने को देरी से उठाया गया कदम बताया है।
Bengal: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल कांग्रेस ने संघर्षग्रस्त मणिपुर में बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को 'बहुत देरी से उठाया गया' कदम बताया और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पूर्वोत्तर राज्य में लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया।
मणिपुर में बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया और विधानसभा को निलंबित कर दिया गया। कुछ दिनों पहले ही एन बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई थी।
टीएमसी प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सिंह और गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में जातीय संघर्ष और जारी अनिश्चितता के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, “इतने दिनों तक उन्होंने स्थिति को ऐसे ही रहने दिया। अब, जब विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और सिंह का प्रदर्शन जांच के घेरे में है, तो भाजपा उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा रही है। राज्य ने शांति और सुशासन की उम्मीद के साथ पार्टी को चुना था। भाजपा ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समुदायों के साथ विश्वासघात किया है।'
मजूमदार ने भाजपा पर मणिपुर में “लोकतंत्र की हत्या” और “जातीय ध्रुवीकरण में सहायता” करने का भी आरोप लगाया।
उनके सुर में सुर मिलाते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व सांसद ने कहा, “जब (मणिपुर में) लोगों की हत्या हुई, महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ और घरों में आग लगाई गई, तब केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब, जब सभी चालें विफल हो गई हैं और सत्ता संभालने के लिए कोई नहीं है, तो भाजपा राष्ट्रपति शासन लगा रही है।'
इस बीच, भाजपा सांसद और प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने सही समय पर सही कदम उठाया है और राष्ट्रपति शासन से मणिपुर में अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह विकास करने में मदद मिलेगी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 14 February 2025 at 09:52 IST