अपडेटेड 18 August 2024 at 11:14 IST
Kolkata rape-murder Case: जूनियर डॉक्टर का आंदोलन जारी, पूरे बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
Kolkata rape-murder Case: कोलकाता में बलात्कार-हत्या मामले में जूनियर डॉक्टर का आंदोलन जारी है, जिस कारण पूरे बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
Kolkata rape-murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर की हड़ताल रविवार को भी जारी रही, जिससे राज्य में लगातार 10वें दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।
सरकारी अस्पतालों में रविवार को बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) बंद रहने के कारण मरीजों की भीड़ कम रही, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने आपातकालीन विभाग में सेवाएं जारी रखीं।
एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करने के पक्ष में नहीं हैं। हम मरीजों की परेशानियों को समझ सकते हैं, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के संदर्भ में हमारा विरोध बहुत प्रासंगिक है।’’
चिकित्सक ने कहा, ‘‘क्या हम काम पर आते समय यही अपेक्षा करते हैं? जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता और सरकार हमारी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं कर देती, हम अपना विरोध जारी रखेंगे।’’
परास्नातक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को अस्पताल के संगोष्ठी कक्षा के अंदर पाया गया था। इस मामले में अगले दिन एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।
जूनियर डॉक्टर मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए और पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 14 अगस्त से मामले की जांच शुरू की थी।
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने कार्यस्थलों, विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की है, जहां उन्हें रात्रि पाली में भी काम करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंद्योपाध्याय ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज के अलावा रात्रि पाली में महिलाओं से काम कराने वाले छात्रावास और अन्य स्थान अब एक प्रमुख कार्यक्रम ‘रातिरेर साथी-रात्रि सहायक’ के दायरे में आएंगे, जिसमें स्वयंसेवक शामिल होंगे।
राज्य सरकार ने अलार्म उपकरण के साथ एक मोबाइल ऐप्लीकेशन विकसित करने का भी निर्णय लिया है, जिसे महिलाएं डाउनलोड कर सकेंगी और किसी भी आपात स्थिति में संबंधित स्थानीय पुलिस थानों के साथ संपर्क करने के लिए इसका उपयोग कर सकेंगी।
बंद्योपाध्याय ने कहा कि सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को रात में दो-सदस्यीय महिला टीम बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वे एक-दूसरे को अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी देती रहें।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने कार्यस्थलों पर पुरुष और महिला सुरक्षा कर्मचारियों का सही अनुपात बनाए रखने की भी सिफारिश की है।’’
बंद्योपाध्याय ने कहा कि रात्रि पुलिस सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों और महिला छात्रावासों में गश्त करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी संभव हो, महिलाओं के लिए रात्रि पाली में ड्यूटी टाली जा सकती है। हमें इन कदमों के जल्द से जल्द लागू होने की उम्मीद है।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 18 August 2024 at 11:14 IST