अपडेटेड 24 September 2025 at 23:09 IST
Leh Ladakh Protest: लेह में बिगड़े हालात तो लगा कर्फ्यू लगा, हिंसक झड़प में 4 लोगों की मौत; 32 पुलिसकर्मी समेत 60 से ज्यादा घायल
लेह में राज्य की मांग को लेकर जारी प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी। अधिकारियों के अनुसार, हिंसक झड़प में अबतक 4 की मौत हो गई औरकरीब 70 घायल हुए। घायल लोगों में 32 पुलिस और सेना के जवान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, घायलों में एक एसएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल था।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इलाके में कर्फ्यू भी लागू कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, घायलों में 32 पुलिस और सेना के जवान शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, घायलों में एक एसएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल है। घायलों में 17 सीआरपीएफ जवान और 15 लेह पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
लद्दाख पुलिस ने तोड़फोड़ में शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की अगुवाई में एक दर्जन से ज़्यादा टीमें बनाई हैं। ये टीमें इलाके के कई जगहों पर छापेमारी कर रही हैं। इस बीच, किसी को भी कारगिल और जम्मू-कश्मीर भागने से रोकने के लिए लेह-कारगिल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस फूंका
प्रदर्शनकारियों ने लेह में भाजपा कार्यालय को भी आग लगा दी। पुलिस ने हिंसक प्रदर्शन के दौरान अपनी मांगें मनवाने के लिए जमा हुई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, लाठियों और पत्थरबाजी का इस्तेमाल किया।
नए विरोध प्रदर्शनों के बीच निषेधाज्ञा जारी
10 सितंबर को शुरू हुए इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व लेह एपेक्स बॉडी (LAB) नामक एक स्वतंत्र संगठन ने किया था, जिसने 35 दिन की भूख हड़ताल की घोषणा की थी। LAB के सदस्यों ने अपनी मुख्य मांगों को पूरा होने तक भूख हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है, जिसके बाद केंद्र शासित प्रदेश में फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। क्षेत्र में और अशांति न फैले, इसके लिए लेह प्रशासन ने राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांगों को लेकर हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद जमावड़ा, जुलूस और कुछ सार्वजनिक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश जारी किए हैं।
प्रदर्शनकारियों की क्या है मुख्य मांग?
- लद्दाख को राज्य का दर्जा: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने से लद्दाख को स्वायत्त शासन और कुछ सुरक्षाएं नहीं मिल पा रही हैं, जो पहले उसे मिल रही थीं।
- लद्दाख को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए: प्रदर्शनकारी केंद्र शासित प्रदेश के आदिवासी दर्जे की सुरक्षा के लिए इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
- अलग लोक सेवा आयोग की स्थापना: लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सदस्य बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए लद्दाख के लिए एक अलग लोक सेवा आयोग की मांग कर रहे हैं।
- लद्दाख के लिए दो संसदीय सीटें: प्रदर्शनकारी केंद्र शासित प्रदेश में एक के बजाय दो लोकसभा सीटें चाहते हैं, ताकि सत्ता केवल केंद्र के हाथ में न रहकर केंद्र और क्षेत्र के बीच साझा हो सके।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 24 September 2025 at 22:08 IST