अपडेटेड 15 July 2025 at 14:11 IST

UP: योगी सरकार में अपराधियों पर कहर बनकर टूटी यूपी पुलिस, ताबड़तोड़ एनकाउंटर में अब तक 238 अपराधियों को मिट्टी में मिलाया

2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई। जिसके बाद पुलिस और बदमशों के बीच मुठभेड़ों में वृद्धि हुई।

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योगी सरकार में अपराधियों पर कहर बनकर टूटी यूपी पुलिस | Image: Republic

UP Encounter : 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम किया है। जिसके बाद से यूपी पुलिस बदमाशों के साथ सख्ती से पेश आ रही है। यूपी पुलिस का अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का एक डाटा सामने आया है, जो बताता है कि योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद पिछले 8 साल में ताबड़तोड़ 238 अपराधियों का एनकाउंटर किया गया है।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 20 मार्च, 2017 से 14 जुलाई, 2025 तक की गई आत्मरक्षार्थ कार्यवाही (एनकाउंटर) में 238 अपराधी मारे गए। इस दौरान 9 हजार 467 अभियुक्त घायल हुए और 30694 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। अपना फर्ज निभाते हुए 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1711 पुलिसकर्मी घायल हुए। आंकड़े बताते हैं कि योगी सरकार में यूपी पुलिस अपराधियों पर कहर बनकर टूटी है।

कुल आंकड़े (20 मार्च, 2017 से 14 जुलाई, 2025 तक)

  • मारे गए अपराधी: 238
  • घायल अपराधी: 9,467
  • गिरफ्तार अपराधी: 30,694
  • शहीद पुलिसकर्मी: 18
  • घायल पुलिसकर्मी: 1,711
  • कुल मुठभेड़ें: 14,741

मेरठ में सबसे अधिक बदमाश ढेर

  • मेरठ: 80 अपराधी मारे गए 
  • वाराणसी: 26 अपराधी मारे गए 
  • लखनऊ कमीश्नरी: 11 अपराधी मारे गए
  • आगरा: 20 अपराधी मारे गए
  • प्रयागराज: 10 अपराधी मारे गए
  • बरेली: 15 अपराधी मारे गए
  • गोरखपुर: 8 अपराधी मारे गए
  • कानपुर: 11 अपराधी मारे गए
  • लखनऊ: 15 अपराधी मारे गए

जीरो टॉलरेंस नीति

2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई। जिसके बाद पुलिस और बदमशों के बीच मुठभेड़ों में वृद्धि हुई। इस नीति का उद्देश्य अपराधियों में भय पैदा करना और कानून-व्यवस्था को मजबूत करना था। इसके बाद कई बदमाशों ने थाने में पहुंचकर खुद ही सरेंडर कर दिया। कुछ एनकाउंटरों पर विपक्ष में सवाल भी उठाएं हैं। विपक्ष ने जातिगत आधार पर भी कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।

यूपी के बड़े एनकाउंटर

2020 में 60 से अधिक मुकदमों में फरार चल रहा कानपुर का विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद का बेटे और शूटर असद अहमद और गुलाम 2023 में एसटीएफ द्वारा मारे गए। 2024 में सुल्तानपुर डकैती मामले में एक लाख का इनामी मंगेश यादव एनकाउंटर में ढेर हुआ। 2024 में ही पीलीभीत में तीन खालिस्तानी आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया। 

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 15 July 2025 at 14:11 IST